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जिला पंचायत भवन में चलेगी मंडलीय वाणिज्यिक कोर्ट, मुकदमों का तेजी से होगा निस्तारण

व्यापार से संबंधित मुकदमों का तेजी से निस्तारण करने को कलेक्ट्रेट स्थित जिला पंचायत भवन में मंडलीय वाणिज्यिक कोर्ट की स्थापना की जाएगी।

By Edited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 09:58 AM (IST)
जिला पंचायत भवन में चलेगी मंडलीय वाणिज्यिक कोर्ट, मुकदमों का तेजी से होगा निस्तारण
जिला पंचायत भवन में चलेगी मंडलीय वाणिज्यिक कोर्ट, मुकदमों का तेजी से होगा निस्तारण

वाराणसी [अशोक सिंह]। वाणिज्यिक अपीलीय डिवीजन संशोधन अध्यादेश-2018 के लागू होने के बाद से ही व्यापार से संबंधित मुकदमों का तेजी से निस्तारण करने को कलेक्ट्रेट स्थित जिला पंचायत भवन में मंडलीय वाणिज्यिक कोर्ट की स्थापना की जाएगी। व्यापार के लिए बेहतर माहौल देने और विवाद की स्थिति में मुकदमों के तेजी से निबटारे के लिए राज्य सरकार द्वारा वाराणसी में मंडलीय वाणिज्यिक (कमर्शियल) कोर्ट स्थापित करने का निर्णय लिया गया। प्रमुख सचिव न्याय ने गत फरवरी माह में ही मंडलीय वाणिज्यिक कोर्ट की व्यवस्था कलेक्ट्रेट के आसपास करने के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा था।

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इसके लिए इंजीनियरों की टीम ने अर्दली बाजार में विधि विज्ञान प्रयोगशाला व पुस्तकालय भवन आदि का निरीक्षण किया। सीएनडीएस ने इसमें कोर्ट के निर्माण पर आने वाले खर्च और भवन की मजबूती आदि का आकलन किया। जिसमें यह सामने आया कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला की मरम्मत पर आने वाला खर्च वैकल्पिक व्यवस्था के लिए बहुत अधिक है। मरम्मत के बाद भी वहां काम करना संभव नहीं होगा। इस कारण इसका प्रस्ताव स्थगित कर दिया गया।

- स्थापना पर 42 लाख की लागत जिला जज के निर्देश पर उप समिति ने पंचायत भवन का निरीक्षण किया। जिसे कोर्ट के लिए उचित पाया गया। इसके बाद बहुप्रतीक्षित कोर्ट स्थापना की प्रक्रिया शुरू हुई। सीएनडीएस के परियोजना प्रबंधक ने सफाई, निर्माण, फर्नीचर आदि की व्यवस्था करने पर आने वाले व्यय का खाका तैयार किया। कोर्ट स्थापना के सभी कार्य पर 42.06 लाख रुपये का व्यय आएगा।

- कोर्ट स्थापित होने से यह लाभ बड़ी धनराशि के लेन-देन में अक्सर विवाद होता है। छोटे विवाद भी लाखों रुपये से जुड़े होते हैं। ऐसे लाखों मामले लंबित हैं। वाणिज्यिक कोर्ट की स्थापना से व्यापारियों को केस निस्तारण के लिए भटकना नहीं होगा। न्याय के लिए उन्हें न्यायालय का चक्कर नहीं काटना पडे़गा।


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