मानवता शर्मसार- 6 घंटे तक हाईवे पर पड़ी रही दिव्यांग की लाश, रौंदते रहे वाहन
वाराणसी के हरहुआ के बड़ागांव थाना क्षेत्र के कोइराजपुर निवासी दिव्यांग गरीब मजदूर रमेश गोंड उम्र 38 वर्ष की काजीसराय स्थित फ्लाई ब्रिज के पश्चिमी छोर के पास गुरुवार की देर रात
वाराणसी, जेएनएन। बड़ागांव थाना क्षेत्र के हरहुआ, काजीसराय में गुरूवार की रात में कोईराजपुर निवासी रमेश गोंड़ नामक 40 वर्षीय दिव्यांग को किसी अज्ञात वाहन ने धक्का मार दिया। घटना के बाद उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। उसके बाद मृत दिव्यांग के शरीर के उपर से अनगिनत वाहन रात भर गुजरते रहे लेकिन किसी ने उसे सड़क से हटाने की जहमत नहीं उठाई। जबकि घटनास्थल से थोड़ी ही दूर पर नो इंट्री प्वाइंट बना है जहां पुलिस की तैनात रहती है और 100 डायल की गाड़ी भी रात में पेट्रोलिंग करती है। मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना ने जहां पुलिस की पोल खोलकर रख दी वहीं लोगों के अंदर भी इंसानियत नहीं जागी।
जानकारी अनुसार बड़ागांव थाना क्षेत्र के कोईराजपुर गांव निवासी दिव्यांग रमेश शिवपुर क्षेत्र में शराब की दुकान पर सेल्समैन था। गुरूवार की रात में वह दुकान से निकलने के बाद अपने पिता लालजी को मोबाईल पर फोन किया और बोला की मैं दुकान से निकल गया हूं और घर आ रहा हूं। उसके बाद वह घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने उसे फोन किया लेकिन फोन नहीं उठा। लोगों को लगा कि रात होने के चलते हो सकता है रमेश दुकान पर ही रह गया हो।
घटना स्थल को देख कर पता चला की रमेश किसी सवारी वाहन से उतरा और सड़क पार करते समय उसे धक्का लग गया जिससे उसकि मौत हो गयी। कुछ लोगों का कहना है कि रात में दुर्घटना के बाद 100 नंबर डायल कर पुलिस को सूचना दिया गया लेकिन पुलिस नहीं पहुंची। इधर सुबह जब पुलिस मौके पर पहुंची तो दिव्यांग के शरीर के चीथड़े सड़क पर कई जगह फैल गये थे। जिसे बटोरने के बाद पुलिस बोरी में भर कर हरहुआ पुलिस चौकी ले आयी। वहीं पर पड़े आधार कार्ड के द्वारा मृतक की शिनाख्त हो सकी और परिजनों को पुलिस ने सूचना दिया। सूचना पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पुलिस चौकी पर पहुंच गये। बाद पंचनामा कर पुलिस ने शव को पीएम के लिये भेज दिया। मृतक की पत्नी पार्वती भी दिव्यांग है जबकि उसे दो बेटे हैं बड़े बेटे का नाम ऋितिक है जबकि छोटे बेटे का नाम पतालू है। मृतक की मां दाना भूजने का काम करती हैं जबकि पिता मजदूरी करते हैं।