डीरेका ने बनाया फ्रेट कॉरिडोर का महाबली, 12000 हार्स पावर का शक्तिशाली इंजन
वाराणसी स्थित डीजल रेल कारखाना ने जिन दो डीजल इंजनों को जोड़कर एक 12000 हार्स पावर वाला विद्युत इंजन बनाया था जो अब रूट पर महाबली का काम करेगा।
वाराणसी, जेएनएन। डीजल रेल कारखाना ने इतिहास रचते हुए जिन दो डीजल इंजनों को जोड़कर एक 12000 हार्स पावर शक्ति वाला विद्युत इंजन बनाया था, वो क्लीयरेंस के बाद डेडिकेटेड फ्रेट कारीडोर रूट पर महाबली का काम करेगा। सबसे ज्यादा शक्ति वाला विद्युत इंजन मालगाड़ियों को रफ्तार देगा। रफ्तार के साथ ही ये महाबली लोकोमोटिव ज्यादा भार भी खींच सकेगा। फिलहाल यह महाबली इंजन तुगलकाबाद शेड में आरडीएसओ परीक्षण के लिए गया है।
चार और चार जोड़कर बना बारह : डीरेका अफसरों की मानें तो नए नए उपयोग कर कम लागत में बेहतर कार्य करना ही डीरेका की पहचान रही है। इसी दौरान कारखाना प्रशासन ने 4000 हार्स पावर इंजनों को 6000 हार्स पावर में परिवर्तित किया।
विद्युतीकरण के दौर में डीजल इंजन का सदुपयोग : जब पूरी तरह विद्युतीकरण इंजनों के निर्माण का आदेश मिला तो कार्यशाला से डीजल इंजनों को हटाने का सिलसिला चल पड़ा। डीरेका अफसरों ने तकनीक के जौहर दिखा परिवर्तित 6000 हार्स पावर के इंजनों को जोड़ने का फैसला किया, इसके बाद महाबली को बनाने की शुरुआत हुई।
सुपरफास्ट ट्रेनों के इंजन से दोगुनी है ताकत : 12000 हार्स पावर का डीजल से विद्युत कन्वर्जन लोकोमोटिव अभी तक का सबसे शक्तिशाली लोकोमोटिव होगा। इससे पूर्व डीरेका में ही एल्को क्लास का 10000 हार्स पावर का इंजन बनाया गया था। अमूमन सुपरफास्ट ट्रेनों में लगने वाले डब्ल्यूएपी-7 विद्युत इंजनों की शक्ति 6000 हार्स पावर होती है। डीरेका के परिवर्तित लोकोमोटिव की क्षमता इन इंजनों से दोगुनी है, यह मालगाड़ी को 105 किमी प्रति घंटा की रफ्तार व 252 टन माल खींच सकता है। सबसे शक्तिशाली इंजन का परीक्षण होने के बाद, डेडिकेटिड फ्रेट कारीडार रूट पर मालगाड़ी खींचने में सफल उपयोग करने की योजना है। - नितिन मेहरोत्रा, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, डीरेका।