आइआइटी का 1.6 करोड़ रुपये बकाया, बना दिए गए राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम के निदेशक
करीब 1.6 करोड़ रुपये बकाया रहने के बावजूद बिना एनओसी आइआइटी के प्रोफेसर को डेपुटेशन पर भेजने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। करीब 1.6 करोड़ रुपये बकाया रहने के बावजूद बिना एनओसी आइआइटी के प्रोफेसर को डेपुटेशन पर भेजने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आरटीआई के जवाब में संस्थान न तो एनओसी प्रस्तुत कर पा रहा है और न ही डेपुटेशन का आधार।
केमिकल इंजीनियङ्क्षरग विभाग-आइआइटी बीएचयू के प्रो. एएसके सिन्हा हो हाल ही डेपुटेशन पर पांच वर्ष के लिए राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम के निदेशक बनाए गए। इसके बाद आरटीआई के माध्यम से डेपुटेशन का आधार मांगने के साथ ही संस्थान से निर्गत अनापत्ति प्रमाणपत्र पर जवाब मांगा गया। संस्थान न तो एनओसी और न ही डेपुटेशन के आधार को लेकर स्थिति स्पष्ट कर सका। जबकि विभागीय सूत्रों के मुताबिक अलग-अलग मदों में प्रो. सिन्हा पर संस्थान का कुल 1,16,22,205 रुपये बकाया है। उनकी सेवानिवृत्ति को भी महज दो साल ही बचे हैं।
बोले निदेशक : यह धनराशि प्रो. सिन्हा पर व्यक्तिगत बकाया नहीं है, बल्कि सीईआरडी प्रोजेक्ट को सुचारू रूप से चलाने के लिए दिया गया था। मिनिस्ट्री से करीब डेढ़ करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। धनराशि मिलते ही बकाया खत्म हो जाएगा। - प्रो. पीके जैन, निदेशक-आइआइटी, बीएचयू।