मधुमेह रोगी भी खा सकेंगे लो फैट और लो कैलोरी संग प्रोटीन रिच वाली आइसक्रीम
वाराणसी स्थित बीएचयू में एक छात्र ने शोध कर लो फैट, लो कैलोरी, रिच प्रोटीन आइसक्रीम तैयार किया है जिसे मधुमेह रोगी और मोटापे से पीड़ित लोग खा सकते हैं।
वाराणसी, जेएनएन। विभिन्न फ्लेवर के आइसक्रीम देखकर सभी के मुंह से पानी आने लगता है। मगर आइसक्रीम और मिठाई देखने के बाद मधुमेह रोगी तो मन मसोस कर रह जाते हैं क्योंकि वह चाह कर भी इसका आनंद नहीं ले सकते हैं। इसी समस्या को ध्यान में रखते बीएचयू के डेयरी विभाग के एक शोध छात्र ने शुगर फ्री आइसक्रीम बनाई है। इसकी खासियत है कि इसमें फैट और कैलोरी कम है, जबकि प्रोटीन की मात्रा अधिक है। शोध छात्र ने इसको मैंगो व स्ट्राबेरी फ्लेवर में भी अध्ययन कर लिया है। कृषि विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित डेयरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डीसी राय के निर्देशन में विशाल कुमार ने करीब डेढ़ साल रिसर्च किया। लो फैट, लो कैलोरी, प्रोटीन रिच आइसक्रीम बनाने के बाद यह शोध पिछले माह दी फार्मा इनोवेशन जर्नल में प्रकाशित हुआ।
ऐसे बना है आइसक्रीम : चीनी की जगह इस आइसक्रीम में स्टेविया डाला गया है। यह पूरी तरह शुगर फ्री होता है। वहीं दूसरा पदार्थ इनूलीन है, जो फैट को घटाता है। साथ ही इसमें सोया प्रोटीन आइसोलेट डाला गया है। यह प्रोटीन को बढ़ाता है। प्राकृतिक मिठास : सामान्य आइसक्रीम में 10 से 13 प्रतिशत तक शुगर मौजूद रहता है, जबकि विशाल द्वारा बनाई गई आइसक्रीम में प्राकृतिक मिठास है। वहीं सामान्य आइसक्रीम में 10 से 11 प्रतिशत तक फैट रहता है, जबकि नई में 6.6 प्रतिशत फैट है। वहीं प्रोटीन की बात की जाए तो सामान्य में 3.89 से 4.00 प्रतिशत प्रोटीन रहता है। नई आइसक्रीम में प्रोटीन की मात्रा बढ़कर 7.64 प्रतिशत मौजूद है। लो फैट, लो कैलोरी व प्रोटीन रिच आइसक्रीम में औषधीय गुण भरे हुए हैं। मोटापा से पीड़ित एवं मधुमेह रोगी आम तौर पर आइसक्रीम खाने से परहेज करते हैं। मगर यहां तैयार की गई आइसक्रीम का हर कोई आनंद ले सकता है। इसमें प्रोटीन भी दोगुनी मिलेगी। - प्रो. दिनेश चंद्र राय, विभागाध्यक्ष डेयरी विभाग, बीएचयू।