Move to Jagran APP

वाराणसी में धोती बांध बटुकों ने थामा बल्‍ला, संस्‍कृत में कमेंट्री सुनकर गूंंजा पैवेलियन, 'हर-हर महादेव'

राग-विराग और अनुराग की नगरी काशी में खेल भी अनोखे और परंपरा की रस में डूबे नजर आते हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को क्रिकेट के दीवाने धोती पहने बटु‍कोंं ने बल्‍ला थामा और गेंद को बाउंड्री पार कराया तो पैवेलियन हर हर महादेव के नारों से गूंज उठा।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 11:53 AM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 01:58 PM (IST)
वाराणसी में धोती बांध बटुकों ने थामा बल्‍ला, संस्‍कृत में कमेंट्री सुनकर गूंंजा पैवेलियन, 'हर-हर महादेव'
क्रिकेट के दीवाने धोती पहने बटु‍कोंं बल्‍ला थामा और गेंद को बाउंड्री पार कराया।

वाराणसी, जेएनएन। मोक्ष नगरी काशी का हर रंग अनोखा और अलबेला है, इसके रंग में दुनिया का हर रंग मानो घुल जाता है। राग-विराग और अनुराग की नगरी काशी में खेल भी अनोखे और परंपरा की रस में डूबे नजर आते हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को क्रिकेट के दीवाने धोती पहने बटु‍कोंं ने बल्‍ला थामा और गेंद को बाउंड्री पार कराया तो पैवेलियन हर-हर महादेव के नारों से गूंज उठा। 

loksabha election banner

सात वर्षों से लगातार वाराणसी में आयोजित हो रहे इस अनोखे क्रिकेट मैच को देखने वाले अधिकतर वेद पाठी बटुक ही शामिल होते हैं। मैच के दौरान संस्‍कृत में चतुर धावनांक (चार रन), षड् धावनांक (छह रन), फलकधारक (बल्लेबाज), कंदुक प्रक्षेपक (गेंदबाज) सरीखे शब्दों के प्रयोग ने कमेंट्री को गुरुवार को मैच शुरू होते ही इसे अनोखा बना दिया।

बटुकों के इस खेल में वैदिक परंपरा के अनुरूप ही संस्‍कृत में हुई तो चौकों-छक्‍कों के बीच क्रिकेट की आधुनिक बोली और भाषा को संस्‍कृत में ढालकर कमेंट्री हुई। संस्‍कृत भाषा में कमेंट्री हुई तो लगा मानो पुराणों से भी पुरानी नगरी काशी में देववाणी ही नहीं, बल्कि द्वापर युग का भगवान श्रीकृष्‍ण का कालिंदी के तट पर 'कंदुक क्रीड़ा' का नजारा भी जीवंत हो उठा। वहीं, दर्शक दीर्घा में मौजूद दर्शक भी परंपरगत परिधान में सुबह से ही मौजूद रहे।  

वाराणसी में संपूर्णानंद संस्‍कृत विश्‍व विद्यालय स्थित सिगरा स्टेडियम में प्रतिवर्ष यह क्रिकेट आयोजन किया जा रहा है। आयोजन के दौरान बटुक अपनी परंपरागत वेश भूषा यानि धोती- कुर्ता, टीका और त्रिपुंड में बल्‍लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग संग कीपिंग करते हैं तो अंपायर भी भगवा रंग में रंगे नजर आते हैं। मैदान में चौके-छक्‍के के साथ संस्‍कृत में कमेंट्री गूंजती है तो चारों ओर हर-हर महादेव के साथ तालियों से मैदान गूंज उठता है।

संस्‍कृत कमेंट्री ने खींचा ध्‍यान

कंदुक प्रक्षेपक: कन्दुकं प्रक्षिपति तदा फलक ताडकत्वेन तीव्रगत्या प्रहरति, कन्दुकं आकाश मार्गेण गच्छन्,सीमा रेखात: बहिर्गतम् षड धावनाकेंन कोष: उद्घाटितवान् । यह संस्कृत का कोई श्लोक नहीं, बल्कि क्रिकेट मैच की कमेंट्री है, जो संस्कृत भाषा में है इसका अर्थ है कि बॉलर ने बॉल फेंंका, बल्लेबाज ने काफी तेज प्रहार किया बॉल आकाश मार्ग जाते हुए सीमा रेखा से बाहर चली गयी छ: रन से खाता खुला। संस्कृत संवर्धन के लिए समर्पित शास्त्रार्थ महाविद्यालय (दशाश्वमेध) के 77वें स्थापनोत्सव पर आयोजित यह अद्भुत व अनूठी संस्कृत क्रिकेट प्रतियोगिता का नजारा दिखा। वेद पाठी बटुक अपने पारंपरिक गणवेश धोती और कुर्ता में टीका-त्रिपुण्ड लगाकर मैदान पर क्रिकेट खेलने उतरे। हाथों में सदैव वेद व संस्कृत ग्रंथ देखने को मिलता है उन्हीं में बैट व बॉल मौजूद रहा। मैदान में उपस्थित दर्शकों में भी इस मैच को पूरा देखने के लिए काफी उत्साह था, क्योंकि चर्चित खेल का ऐसा स्वरूप प्रायः कहीं देखने को नहीं मिलता है।

मुख्य कमेंटेटर आचार्य डा.शेषनारायण मिश्र ने धाराप्रावाह संस्कृत में कमेंट्री की - अतीव सुंदरतया कंदुक प्रक्षेपणेन ,फलक धारक: स्तब्धोजात: , कंदुक: सीमा रेखाया: बहिर्गमनम् चतुर्धावनांक: लब्ध: । (खूबसूरत बॉलिंग से बल्लेबाज चकित हो गया, गेंद सीमा रेखा के बाहर,चार रन मिले)। दंडाग्रे पादे कंदुक स्पर्शात् बहिर्भूत: (लेग बाई विकेट लिया गया)। कन्दुकस्य रेखाया: बहिर्गमनम् (वाइड बॉल,अतिरिक्त रन दिया गया)। कुछ इसी प्रकार की संस्कृत में कमेंट्री सुनकर लोगों ने खूब तालियां बजाई। उन्हें देखकर लगता था कि खेल मैदान में मानो शास्त्रार्थ चल रहा हो। बटुक मैदान में भी आपस में संस्कृत में ही बात करते थे इस मैच में अम्पायरिंग करने वाले पूर्व खिलाड़ी धीरज मिश्र व अनुज तिवारी भी भगवा धोती, दुपट्टा व रुद्राक्ष की माला धारण किए हुए नजर आए। मैच का उद्घाटन कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल व शास्त्रार्थ महाविद्यालय के प्राचार्य व संयोजक डा.गणेश दत्त शास्त्री ने बटुक खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर किया। किकेट मैच में जनपद के चार टीमें प्रतिभागी हैंं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.