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श्रीकाशी विद्या मंदिर प्रांगण में गोष्‍ठी : 370 का कलंक मिटा, अब विकास की छाएगी छटा

मछोदरी स्थित श्रीकाशी विद्या मंदिर प्रागण में रविवार को जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन व भावी संभावनाएं विषयक संगोष्ठी आयोजित की गई।

By Edited By: Published: Mon, 12 Aug 2019 01:32 AM (IST)Updated: Mon, 12 Aug 2019 08:41 AM (IST)
श्रीकाशी विद्या मंदिर प्रांगण में गोष्‍ठी : 370 का कलंक मिटा, अब विकास की छाएगी छटा

वाराणसी, जेएनएन। मछोदरी स्थित श्रीकाशी विद्या मंदिर प्रागण में रविवार को जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन व भावी संभावनाएं विषयक संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें विधिवेत्ता, संविधान ज्ञाता, समाजशास्त्री और शिक्षाशास्त्री के साथ साहित्य व पत्रकारिता के पुरोधा शामिल थे। मुख्य वक्ता महात्मा गाधी काशी विद्यापीठ के हिन्दी पत्रकारिता संस्थान के निदेशक प्रो. ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग होते हुए भी अलग रहा। अब 370 व 35ए कलंक मिटा दिया जिससे वहा विकास होगा। मुख्य अतिथि बीएचयू लॉ कालेज के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. एसके शर्मा ने कहा कि कश्मीर का पुनर्गठन महत्वपूर्ण है।

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लोगों को सरकार से इस संदर्भ में अनेक अपेक्षाएं हैं और यकीनन अब वहा उन्नति के पथ पर विकास का पहिया घूमेगा। अध्यक्षता करते हुए समाजशास्त्र विभाग के प्रो. अशोक कौल ने कहा कि इस अनुच्छेद को खत्म किया जाना जरूरी था। यह कदम देश की सुरक्षा के साथ ही वहा के नागरिकों को एक बेहतर जिंदगी की गारंटी भी है। प्रख्यात साहित्यसेवी डॉ. रामसुधार सिंह ने कहा कि इस सरकार ने दिखा दिया कि यह भी एक तरह से सर्जिकल स्ट्राइक ही है। संगोष्ठी में काशी पत्रकार संघ के पूर्व महामंत्री डॉ. अत्रि भारद्वाज, चिकित्सक डॉ. ऋतु गर्ग, विद्यालय के प्रबंधक रामचरण आदि ने भी विचार रखे। संचालन व धन्यवाद प्रदीप मेहरोत्रा ने ज्ञापित किया।

कश्मीर के लिए उपहार है अनुच्छेद 370 का हटना : विकास खंड चोलापुर के नियारडीह स्थित पं. रामप्रवेश चौबे महाविद्यालय में रविवार को समाजसेवी पं. रामप्रवेश चौबे की 32वीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस दौरान आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडेय ने पंडित रामप्रवेश के कार्यो को याद किया। वहीं अनुच्छेद 370 पर कहा कि यह दल हित में नहीं, बल्कि देशहित में है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों को केंद्र सरकार की ओर से शानदार उपहार है। इस दौरान उन्होंने पंडित कमलापति त्रिपाठी की जीवनी पर आधारित पुस्तक बंदी की चेतना का जिक्र करते हुए उनके सहयोग को याद किया।

वहीं जनता की मांग के मद्देनजर तीन किमी. लंबे बाबतपुर-नेवादा संपर्क मार्ग के पुनर्निर्माण के साथ ही रजला घाट पर पीपा पुल के लिए सासद निधि से स्वीकृति प्रदान करने की बात कही। साथ हीं पांच लाख रुपये की लागत से नियारडी में सामुदायिक भवन बनवाने एवं स्थानीय साइंस लाइब्रेरी में विज्ञान पुस्तकों के लिए एक लाख रुपये प्रदान करने की भी घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने 13 किमी लंबे निर्माणाधीन धरसौना-नियारडीह मार्ग का कार्य मुकम्मल कराने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. टीएन सिंह, कांग्रेस नेता सतीश चौबे, उप्र बार कौंसिल अध्यक्ष हरिशंकर सिंह, प्राचार्य पीके दुबे, अखंड सिंह, पूर्व एमएलसी घनश्याम दुबे, दिलीप चौबे, रविशंकर चौबे, मनीष चौबे आदि थे।

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