प्रवासी भारतीय दिवस से पूर्व ही घाट-गलियां, यातायात और शहर की बदलेगी सूरत
शहर की सबसे बड़ी समस्या यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, अहमदाबाद की तीन सदस्यीय टीम सोमवार को वाराणसी पहुंची।
वाराणसी, जेएनएन । प्रवासी भारतीय दिवस आयोजन को भव्य बनाने के साथ ही काशी को भी सजाने-संवारने की कवायद ने जोर पकड़ लिया है। शहर की सबसे बड़ी समस्या यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, अहमदाबाद की तीन सदस्यीय टीम सोमवार को वाराणसी पहुंची। कमिश्नर और आइजी समेत अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि टीम यातायात व्यवस्था में सुधार, घाटों के सुंदरीकरण के साथ ही शहरी व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए सर्वे करेगी। सर्वे के बाद ठोस योजना पर काम शुरू होगा। उम्मीद है कि सारे कार्य प्रवासी भारतीय दिवस से पूर्व हो जाएंगे।
उधर, मुख्य सचिव डा. अनूप चंद्र पांडेय ने शाम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रवासी भारतीय दिवस की तैयारियों की समीक्षा की। एडीजी जोन पीवी रामाशास्त्री, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने शांति व सुरक्षा-व्यवस्था, यातायात व्यवस्था, चिकित्सा, यूपी एवं भारत की ब्रांडिंग कार्यों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। एनआरआइ के ठहरने के स्थान-टेंट सिटी, होटल आदि स्थानों में फायर सेफ्टी, इलेक्ट्रिक सिटी व होटलों के स्टाफ के वेरीफिकेशन पर जोर दिया गया।
डीएम ने बताया कि टेंट सिटी में आठ बेड का अस्थाई अस्पताल जीवन रक्षक दवा व एंबुलेंस के साथ होगा। एनआरआइ को क्रूज व बजरा से गंगा आरती, घाटों की मनोरम छटा दिखाने की व्यवस्था रखी गई है। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने मुख्य सचिव को बताया कि टेंट सिटी, स्टेडियम, रोड निर्माण, शहर के सुंदरीकरण हेतु वॉल पेंटिंग आदि कार्य तेजी से हो रहे हैं। पीबीडी दिवस को पूरा काशी जगमगायेगा। डीएम ने मुख्य सचिव से प्रवासी भारतीयों को गंगा आरती, भ्रमण के लिए पर्यटन विभाग से क्रूज की व्यवस्था कराने की मांग रखी।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से पूर्व डीएम-कमिश्नर और वीसी वीडीए ने अस्सी से रविदास घाट तक पैदल भ्रमण किया। घाटों पर होने वाले सांस्कृतिक आयोजनों को लेकर चर्चा करने के साथ ही फूड स्ट्रीट की संभावनाओं को भी तलाशा। डीएम ने बताया कि अस्सी घाट के समीप कुछ स्थान पसंद आए हैं जहां फूड स्ट्रीट की परिकल्पना साकार हो सकती है।