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मीरजापुर में बेसहारा गायें अब बनेंगी कुपोषित परिवारों का सहारा, सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने दान दी 11 गायें

सरकार का प्रयास है कि गो-आश्रय स्थल की दुधारू गायों को उन परिवारों को दिया जाए जहां बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। इसी कड़ी में सीएम ने रविवार को जनपद के 11 परिवारों को गायें देने का श्रीगणेश किया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 06:05 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 06:05 AM (IST)
मीरजापुर में बेसहारा गायें अब बनेंगी कुपोषित परिवारों का सहारा, सीएम योगी आदित्‍यनाथ  ने दान दी 11 गायें
सीएम ने रविवार को जनपद के 11 परिवारों को गायें देने का श्रीगणेश किया।

मीरजापुर [सतीश रघुवंशी]। यह किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि दर-दर भटकने को मजबूर गायें भी किसी परिवार का भरण-पोषण करने में सक्षम होंगी, लेकिन प्रदेश की योगी सरकार ने वह कर दिखाया है। सरकार का प्रयास है कि गो-आश्रय स्थल की दुधारू गायों को उन परिवारों को दिया जाए जहां बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। इसी कड़ी में सीएम ने रविवार को जनपद के 11 परिवारों को गायें देने का श्रीगणेश किया।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेशभर में पांच लाख से ज्यादा निराश्रित गायों व पशुओं को आश्रय स्थलों तक पहुंचाने का काम किया है।

सरकार अब ऐसा अभियान चलाएगी कि कोई भी परिवार कुपोषित नहीं रह जाएगा। इसके लिए सरकार की यह योजना है कि आश्रय स्थलों से दुधारू गायों को दान  दिया जाए ताकि वे गरीब परिवार भी दूध पाएं और पोषण पा सकें, जो अभी तक कुपोषण का शिकार रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि इन गायों को पालने वाले किसानों को सरकार की ओर से 900 रुपया प्रति महीने दिया जाएग ताकि वे गाय का पालन कर सकें। इस अभियान के तहत प्रदेशभर में अब तक करीब 65 हजार लोगों ने गायें ली हैं और उनका पालन-पोषण कर रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि गाय का एक-एक बूंद दूध, कुपोषण के खिलाफ रामबाण का काम करेगा क्योंकि किसी बच्चे का भविष्य  सिर्फ उसके परिवार से ही नहीं जुड़ा होता बल्कि समाज व देश की भी  जिम्मेदारी बनती है। इस अभियान से हम वही जिम्मेदारी पूरी करने का काम करेंगे।

पहली रोटी गाय को अभियान

जनपद में दो साल पहले घर में पहली रोटी गाय को अभियान चलाया था। इसका असर भी पड़ा और लोगों ने इसका पालन शुरू किया। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री राजेंद्र ङ्क्षसह शेखावत ने कहा कि इस पावन धरती पर आकर, गौ माता की पूजा करने का सुअवसर मिला है। इससे यही प्रतीत होता है कि हम अपनी पुरानी सभ्यता की ओर लौट रहे हैं। हमारे पूर्वज गाय को माता मानकर पूजते आए हैं और आज फिर इसी का आवश्यकता है। 


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