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लोकसभा चुनाव : 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत के बावजूद बूथ संख्या 89 पर मिले मात्र दो वोट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा वाराणसी संसदीय सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं। मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भारी मतों से विजय हासिल की थी।

By Vandana SinghEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 04:13 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 04:13 PM (IST)
लोकसभा चुनाव : 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत के बावजूद बूथ संख्या 89 पर मिले मात्र दो वोट
लोकसभा चुनाव : 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत के बावजूद बूथ संख्या 89 पर मिले मात्र दो वोट

वाराणसी, [अशोक सिंह]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा वाराणसी संसदीय सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं। मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भारी मतों से विजय हासिल की थी। उन्होंने बीते 25 अप्रैल को अपने संसदीय क्षेत्र में रोड शो किया। 26 अप्रैल को नामांकन से पूर्व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि रोड शो से उन्हें जीत का अनुभव हुआ है, इसके बावजूद लोकतंत्र की जीत के लिए हर बूथ जीतना है। शायद मोदी को इस बात का एहसास हो और सच भी है कि भारी जीत के बावजूद वाराणसी लोकसभा सीट पर कई बूथ ऐसे थे जहां उन्हें 2014 के चुनाव में 10 वोट भी नहीं मिले। ऐसी स्थिति में भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए हर बूथ जीतने की बड़ी चुनौती है।

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 'मेरा बूथ सबसे मजबूत'

कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए मोदी ने कहा था कि 'वाराणसी सीट के चुनाव के दो पहलू हैं। एक लोकसभा सीट जीतना तो दूसरा लोकतंत्र। रोड शो में काशी के हर घर से निकले मुखिया ने आशीर्वाद देकर जीत का अनुभव करा दिया। अब कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि पोलिंग बूथ जिताकर लोकतंत्र को जिताएं। ध्यान रहे कि मोदी देश नहीं झुकने देगा तो कार्यकर्ता किसी भी पोलिंग बूथ पर भाजपा का झंडा नहीं झुकने देंगे। हां, यह जरूर है कि चुनाव जीतकर भी हमें आनंद नहीं होगा, अगर एक भी पोलिंग बूथ मेरा कार्यकर्ता हार गया। अब आपकी एक ही प्राथमिकता हो कि मेरा बूथ सबसे मजबूत। बनारस का चुनाव ऐसा लड़ें कि राजनीतिक पंडितों को किताब लिखनी पड़े।

केजरीवाल को 349 तो मोदी को मात्र दो वोट

वर्ष 2014 के चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे आप नेता अरविंद केजरीवाल ने मोदी को कुछ बूथों पर कड़ी टक्कर दी। शहर दक्षिणी विधानसभा के बूथों पर पड़े मतों की पड़ताल करें तो पता चलता है कि तब के बूथ संख्या 89 पर कुल पड़े 434 वोट में से मोदी को मात्र दो वोट मिले। यहां केजरीवाल को 349 वोट मिले। इसी प्रकार मोदी को बूथ संख्या 195 पर सात, बूथ संख्या 207 पर आठ तो बूथ संख्या 196 पर मात्र 10 मत मिले। इन बूथों पर केजरीवाल को क्रमश: 582, 732 व 345 मत मिले। इसी प्रकार कई बूथ ऐसे थे जहां मोदी दो अंकों में ही सिमट गए। जिन बूथों पर मोदी को मामूली वोट पड़े उनमें ज्यादातर पर केजरीवाल तो कुछ पर कांग्रेस के अजय राय ने टक्कर दी। हालत यह रहा कि विधानसभा शहर दक्षिणी क्षेत्र की पहले राउंड की गिनती पूरी होने के बाद वहां कुल पड़े 9953 वोट में से मोदी को 2294 तो केजरीवाल को दूने से भी अधिक 4868 वोट मिले। हां, यह जरूर था कि अन्य चार विधानसभाओं में मोदी ने पहले राउंड से ही जो बढ़त ली उसकी बदौलत विरोधी काफी पीछे छूटते गए।

कुछ खास इलाके थे शामिल

लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी को भारी जीत के बावजूद जिस बूथ पर बहुत कम वोट मिले उन पर कुछ खास इलाके के लोगों का मतदान होता है। इसमें मनहर, छित्तनपुरा, कमलगड़हा, कच्चीबाग, छोहरा, जैतपुरा, बड़ी पियरी, शेख सलीम फाटक, दालमंडी, जेरगुलर, पत्थरगली, चौहट्टा लाल खां, पठानी टोला, कोइलाबाजार, कतुआपुरा, मुकीमगंज, बांसफाटक, गुड्डी बाजार, सल्फिया बिल्डिंग इलाका आदि शामिल है। यह तो शहर दक्षिणी में शामिल इलाके हैं। इसी प्रकार शहर उत्तरी और कैंट विधानसभा क्षेत्र के भी कई इलाके हैं जहां मोदी दो अंक से आगे नहीं बढ़ सके। 

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