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पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक की कार्य प्रणाली की डिप्टी सीएम डाक्टर दिनेश शर्मा ने मांगी रिपोर्ट

डिप्टी सीएम डाक्टर दिनेश शर्मा ने गुरुवार को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के परीक्षा व अन्य तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य समेत अन्य अधिकारी कलेक्ट्रेट एनआइसी से वर्चुअल के जरिए बैठक में शामिल हुई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 09:18 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 09:18 PM (IST)
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक की कार्य प्रणाली की डिप्टी सीएम डाक्टर दिनेश शर्मा ने मांगी रिपोर्ट
डिप्टी सीएम डाक्टर दिनेश शर्मा ने गुरुवार को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के परीक्षा व अन्य तैयारियों की समीक्षा की।

जौनपुर, जेएनएन। डिप्टी सीएम डाक्टर दिनेश शर्मा ने गुरुवार को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के परीक्षा व अन्य तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य समेत अन्य अधिकारी कलेक्ट्रेट एनआइसी से वर्चुअल के जरिए बैठक में शामिल हुई। उन्होंने सभी विश्वविद्यालय के कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक की कार्यप्रणाली पर रिपोर्ट मांगी। कहा कि कुलपति कांफ्रेस में बता सकते है या तो उनके निजी नंबर पर वाट्सएप करें। डिप्टी सीएम ने नए कोर्सेज शुरू करने की प्रगति जानी तो जिम्मेदारों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिया।

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दोपहर दो बजे से शुरू हुई बैठक में करीब 11 बिंदुओं पर समीक्षा की गई। सबसे पहले परीक्षाओं के आयोजन की तैयारी, न्यूनतम समान पाठ्यक्रम लागू किए जाने की तैयारी, नए कोर्सेज शुरू करने की प्रगति, कोविड व नान कोविड मृत्यु के प्रकरणों में भुगतान की स्थिति पर चर्चा हुई। वर्ष 2020-21 में सेंटर आफ एक्सीलेंस के लिए अवमुक्त धनराशि का उपयोग, निर्माण कार्य विवरण व अगली किस्त की मांग, वर्ष 2021-22 के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस के नए प्रस्ताव पर जानकारी ली। 2017-18 में अब तक अवमुक्त सेंटर आफ एक्सीलेंस फंड के उपभोग की प्रगति, वर्ष 2021-22 के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट के बारे में पूछा। इस मौके पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, प्रोफेसर मानस पांडेय आदि मौजूद रहे।

पीएचडी की प्रवेश परीक्षा कराकर भूल गया विश्वविद्यालय

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय पीएचडी की प्रवेश परीक्षा कराकर लगता है भूल गया। वर्ष 2020 में शोध के लिए आनलाइन आवेदन आमंत्रित किया गया था। छात्रों ने परीक्षा दी और परिणाम भी आ गया। छह माह बीतने को है, लेकिन प्रवेश के लिए किसी प्रकार की कोई गाइड लाइन जारी नहीं की गई। ऐसे में परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सैकड़ों अभ्यर्थियों में निराशा है, वह आगे के भविष्य के लिए चिंतित हो गए हैं।वर्ष 2020 की पीएचडी प्रवेश परीक्षा का विज्ञापन एक अक्टूबर 2020 में निकाला गया था। इसमें दो हजार 696 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, 20 दिसंबर 2020 को आयोजित परीक्षा में एक हजार 571 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। इसके लिए जिले में छह केंद्र बनाए गए थे। नेट व जेआरएफ अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल नहीं हुए। इसका परिणाम 22 जनवरी 2021 को जारी कर दिया गया। इसके बाद से आज तक उत्तीर्ण अभ्यर्थी आगे की प्रक्रिया के लिए इंतजार कर रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय की तरफ से कोई आदेश नहीं जारी किया जा रहा है। इसको लेकर अभ्यर्थी काफी परेशान हैं।


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