शिक्षामित्र की तर्ज पर बाल और युवा पथिकों की तैनाती, बेसिक शिक्षा निदेशालय को भेजा प्रस्ताव
वाराणसी में शिक्षामित्रों की तर्ज पर अब बनारस के परिषदिय विद्यालयों में बाल व युवा पाथिकों की तैनाती की की गई है जो बच्चों के अभिभावकों व शिक्षकों के बीच सेतु का कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा यह गांव -गांव जाकर बच्चों को पढ़ा भी रहे हैं ।
वाराणसी, जेएनएन। शिक्षामित्रों की तर्ज पर अब बनारस के परिषदीय विद्यालयों में बाल व युवा पाथिकों की तैनाती की गई है, जो बच्चों के अभिभावकों व शिक्षकों के बीच सेतु का कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा यह गांव -गांव जाकर बच्चों को पढ़ा भी रहे हैं ।
जनपद में तमाम शिक्षित युवा बच्चों को मुफ्त पढ़ा रहे थे। ऐसे में कुछ युवक अपनी मुफ्त सेवा विद्यालयों में भी देने के इच्छुक थे। इसे देखते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने इन शिक्षित व समाजसेवी युवकों को बाल पथिक व युवा पथिक के माध्यम से पठन-पाठन से जोड़ने की योजना बनाई है। करीब तीन माह पहले उन्होंने सेवापुरी ब्लाक में करीब 100 बाल पथिक और युवा पथिक का चयन किया। इसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं। बाल पथिकों और युवा पथिक पढ़ाने के साथ- साथ अभिभावकों से संपर्क बनाए हुए हैं।
यही नहीं होमवर्क में भी बच्चों का युवा पथिक काफी सहयोग कर रहे हैं। इसे देखते हुए अब इसका दायरा पूरे जनपद में बढ़ा दिया गया ह। वर्तमान में जनपद के विभिन्न ब्लाकों में करीब 750 से अधिक बाल व युवा पथिकों की तैनाती हो चुकी है। बाल और युवा पथिकों के उत्साह को देखते हुए अब उन्हें मानदेय देने की तैयारी चल रही है। इसके लिए डीएम कौशल राज शर्मा की ओर से बेसिक शिक्षा निदेशालय को प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। इस बाबत जागरण को बीएसए ने बताया कि बाल और युवा पथिकों को दो हजार प्रतिमाह मानदेय देने का प्रस्ताव है।
बाल पथिक : बाल पथिक का चयन प्राथमिक स्तर के बच्चों को पढ़ाने के लिए किया गया है ।
युवा पथिक : युवा पथिक का चयन जूनियर हाईस्कूल स्तर के बच्चों को पढ़ाने के लिए किया गया है ।