वाराणसी में डेंगू की जांच में 15 लोगों के पीडित होने की पुष्टि, अब तक चार लोगों की डेंगू से हो चुकी मौत
बारिश का पूरा सीजन खत्म होने के बाद भी मौसम का उलटफेर और ढेर नगरीय व्यवस्था डेंगू को खुला मैदान दे रही हैं।
वाराणसी, जेएनएन। बारिश का पूरा सीजन खत्म होने के बाद भी मौसम का उलटफेर और ढेर नगरीय व्यवस्था डेंगू को खुला मैदान दे रही हैं। इसका ही परिणाम कह सकते हैैं कि सोमवार को डेंगू के 15 नए मामले सामने आए। पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल के सेंटीनल लैब की एलाइजा जांच में इनके पीडित होने की पुष्टि हुई है।
इसमें चोलापुर, काशी विद्यापीठ ब्लाक समेत शहरी क्षेत्रों के हैैं। इसके साथ ही इस साल जिले में डेंगू पीडि़तों की संख्या लगभग 300 तक पहुंच गई। इससे पूर्व बनारस में डेंगू से चार लोगों की मौत भी हो चुकी है। हालांकि इसमें दारानगर निवासी मां-बेटी को लेकर स्वास्थ्य विभाग अपने तर्क दे रहा है। इसके अलावा जांच रिपोर्ट में अन्य जिलों के आठ लोगों के डेंगू पीडि़त होने की पुष्टि हुई है।
वहीं डेंगू से मां-बेटी की मौत के बाद दूसरे दिन भी स्वास्थ्य विभाग शहर में गलियों की खाक छानता नजर आया। अस्सी- नगवा समेत विभिन्न इलाकों में सीएमओ ने वेक्टर बार्न डिजीज प्रकोष्ठ की टीम के साथ निरीक्षण किया। नगर स्वास्थ्य अधिकारी को बुलाकर जलजमाव वाले इलाके दिखाए। कूड़ा-कचरा अौर जलजमाव का तत्काल निस्तारण करने का निर्देश दिया। दादा नगर निवासी मां-बेटी की डेंगू से क्रमश: 16 व 12 नवंबर को निजी अस्पतालों में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इसमें डॉक्टरों ने परिवारीजनों को कारण डेंगू बताया था लेकिन स्वास्थ्य विभाग दूसरे कारण गिनाने में लगा हुआ है।
इससे पहले सुबह सवेरे सीएमओ डॉक्टर बी.पी. सिंह के नेतृत्व में स्वास्थ्य अधिकारियों का दल पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल स्थित सेंटिनल लैब पहुंचा। जांच के नमूने देखे और सीजन में की गई सभी डेंगू जांच की रिपोर्ट का निरीक्षण किया। इसके आधार पर प्रभावित इलाकों का चिह्नांकन कर जिला मलेरिया विभाग व नगर निगम को सफाई जल जमाव निस्तारण के साथ ही पायरेथ्रम का छिड़काव करने के निर्देश दिए।