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Varanasi में आंधी ने उड़ा दी लाखों की किस्मत, ध्वस्त हुआ poultry farm और मुर्गियां फरार हो गईं

वाराणसी में पोल्ट्री फार्म की दीवार तेज आंधी में गिरने से सीमेंट सीड सौर ऊर्जा समेत अन्य सामान क्षति ग्रस्त हो गया। इसके अलावा 243 मुर्गियां भी उड़ गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 19 Apr 2020 06:02 PM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2020 06:02 PM (IST)
Varanasi में आंधी ने उड़ा दी लाखों की किस्मत, ध्वस्त हुआ poultry farm और मुर्गियां फरार हो गईं
Varanasi में आंधी ने उड़ा दी लाखों की किस्मत, ध्वस्त हुआ poultry farm और मुर्गियां फरार हो गईं

वाराणसी, जेएनएन। जंसा क्षेत्र के भदया गांव में रविवार को शाम को लाल बहादुर पटेल के पोल्ट्री फार्म की दीवार तेज आंधी में गिरने से सीमेंट सीड, सौर ऊर्जा समेत अन्य सामान क्षति ग्रस्त हो गया। इसके अलावा 243  मुर्गियां भी उड़ गई। इससे लगभग डेढ़ लाख की क्षति हुई है।

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कई जगह पेड़, बिजली पोल गिरे, बिजली के तार भी टूटे, आपूर्ति प्रभावित

लगातार दो दिनों से आधी रात के बाद मौसम अचानक ही बदल जा रहा है। यह स्थिति तडि़त झंझावात यानी थंडर स्टार्म के कारण बनी है। इसके कारण शनिवार की आधी रात के बाद करीब ढाई बजे अचानक आंधी-तूफान शुरू हो गए। गरज के साथ बारिश भी शुरू होने लगी। इसका अधिक असर गेहूं की फसल पर पड़ा। कुछ खेतों में फसलें गिर गईं तो जिनकी कटाई हो गई है वह उड़ कर बिखर गई। सुबह में किसान बिखरी फसल को समेटने में जुट गए थे। वहीं तेज हवा के कारण आम के टिकोरे भी झड़ गए। रविवार की शाम को आई आंधी के कारण कई जगह पेड़ व विद्युत पोल धराशायी हो गए। आपूर्ति भी प्रभावित हुई।

मौसम का अजीब हाल

शुक्रवार रात को भी तेज हवा शुरू हो गई थी। साथ ही हल्की बारिश भी हुई थी, लेकिन दिन में मौसम ठीक हो गया। वहीं शनिवार को दिन में तेज धूप खिल गई। इसके कारण हीटिंग बढ़ी और रात को कूलिंग। इसके कारण करीब ढाई बजे के बाद आसमान में बादल छाने लगे। बिजली चमकने लगे। तेज गरज एवं हवा के साथ कई क्षेत्रों में तेज बारिश भी हुई। हालांकि शहरी क्षेत्र में मामूली बारिश हुई।

मांगी गई नुकसान की रिपोर्ट

जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्या ने बताया कि तेज हवा व बारिश से सिर्फ गेहूं की फसलों को ही मामूली नुकसान पहुंचा है। इस नुकसान की रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने बताया कि तेज हवा से आम के टिकोरे यानी छोटे फल गिरे हैं। उन्होंने बताया कि किसानों को अगर आम को बचाना है तो समय रहते ही दवा का छिड़काव करना चाहिए। प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि थंडर स्टार्म के कारण यह स्थिति बस एक दिन ही रह सकती है। इसके बाद मौसम में सुधार होगा।


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