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कोरोना ने पसारे पांव तो औषधीय पौधों की बढ़ी मांग, हर दिन बिक रहे हजारों औषधीय पौधे

नर्सरी संचालक ने बताया कि विगत एक हफ्ते से औषधीय पौधों की काफी मांग बढ़ी है। मंडुआडीह के ओमप्रकाश नर्सरी संचालक ने बताया कि इन औषधि पौधों का इस्तेमाल करने कोरोना जैसी बीमारी से बचा जा सकता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 02:52 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 02:59 PM (IST)
कोरोना ने पसारे पांव तो औषधीय पौधों की बढ़ी मांग, हर दिन बिक रहे हजारों औषधीय पौधे
नर्सरी संचालक ने बताया कि विगत एक हफ्ते से औषधीय पौधों की काफी मांग बढ़ी है।

वाराणसी, श्रवण भारद्वाज। वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे भारत वर्ष में पांव पसार दिया है। इस महामारी ने देश को दहला दिया है। ऐसे में लोगो ने औषधीय पौधों का अपनी जीवन चर्या में इस्तेमाल करने लगे हैं। वाराणसी के मंडुआडीह में कई पौधों की नर्सरियां हैं जहां अचानक औषधीय पौधों की मांग बढ़ गयी है। इस महामारी से बचने के लिए लोग प्रकृति का सहारा ले रहे हैं। नर्सरी बाजार में गिलोय, पिपली, लेमन ग्रास, परिजात, एलोवेरा, तुलसी रामा व श्यामा, मीठी नीम, अश्वगंधा, काल मेध, सतावर, जैसे कई पौधों की मांग बढ़ गयी है।

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शिवदासपुर के मूलचंद्र बिंद नर्सरी संचालक ने बताया कि अब लोग डाक्टरों के यहां नहीं जाना चाहते हैं। जब उन्हें बहुत ही ज्यादा समस्या हो रही तभी मजबूरी में डाक्टर के पास पहुंच रहे हैं। नर्सरी संचालक ने बताया कि विगत एक हफ्ते से औषधीय पौधों की काफी मांग बढ़ी है। मंडुआडीह के ओमप्रकाश नर्सरी संचालक ने बताया कि इन औषधि पौधों का इस्तेमाल करने कोरोना जैसी बीमारी से बचा जा सकता है। बीमारी में होने वाले लाखों खर्च से बचा जा सकता है।

 

मंडुआडीह से पूर्वांचल तक पहुंचते हैं औषधीय पौधे

मंडुआडीह के सैकड़ो नर्सरियों से प्रत्येक दिन हजारों पौधें वाराणसी समेत गाजीपुर,मऊ,आजमगढ़, चंदौली, सोनभद्र, मिर्जापुर जिलों में जा रहे है। इन पौधों से लोग काढ़ा बनाकर अपनी इम्युनिटी को मजबूत कर रहे है लाभ मिलने पर अन्य लोगो भी काढ़ा बनाकर पीने की सलाह दे रहे है।

गिलोय-यह पौधा एक शामक औषधी है जिसका ठीक तरह से प्रयोग करने पर कफ, खांसी, पित्त,से होने वाली बीमारियों से छुटकारा मिलता है। गिलोय के इस्तेमाल करने से इम्युनिटी पावर ठीक होता है।

 

एलोवेरा- यह एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। जो इम्युनिटी पावर को ठीक करने के साथ -साथ ब्लड शुगर, एसिडिटी को कम करने में मदद करता है। एलोवेरा में विटामिन ए व सी और ई काफी मात्रा में पाए जाते हैं।एलोवेरा रक्त का संचार बढ़ाने में भी सहायक होता है।

परिजात- यह बहुत ही उत्तम औषधि है इसका इस्तेमाल करने से बुखार, पाचनतंत्र, लिवर सम्बंधित बीमारियों से निजात मिलता है।परिजात का पौधा खांसी के लिए आयुर्वेदिक दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है।जिससे काफी लाभ भी मिलता है। इसके छाल के चूर्ण से खांसी में बहुत जल्दी आराम मिलता है।

 

तुलसी-तुलसी की हरी पत्तियों का सेवन करने से सर्दी, खांसी, जुकाम, सिर दर्द जैसी अनेक बीमारियों से छुटकारा मिलता है। खांसी जुकाम होने पर तुलसी के पत्ते, अदरक और काली मिर्च से तैयार की हुई चाय पीने से तुरंत लाभ मिलता है।

रामा तुलसी-एक दम कंचन हरी दिखाई देती हैं पाचन,सर्दी,खांसी की बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है।

श्यामा तुलसी-मुलायम, चिकनी, पचने में हल्की वात पित्त में काफी लाभदायक होती है। यह हल्का काले रंग की होती है।

मंडुआडीह के नर्सरी संचालक जितेंद्र मौर्य ने बताया कि गिलोय का पौधा अगर नीम के पेड़ पर लिपटा हो तो और अच्छा असरदार होता है और जटिल से जटिल बीमारियों को दूर भगा देता है।


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