गठबंधन प्रत्याशी अतुल राय के झूठ पर अयाेग की तलवार, नामांकन खारिज करने की मांग
घोसी संसदीय क्षेत्र का चुनाव भी विवादों के चलते लगातार नित नई करवट लेते हुए दिलचस्प होता जा रहा है
मऊ, [शैलेश अस्थाना]। लोकसभा का चुनाव और पूर्वांचल की फिजा...। ट्विस्ट दर ट्विस्ट माहौल को और रोचक बना रही है। एक ओर नेताओं की बदजुबानी मतदाताओं के जेरे-बहस है तो दूसरे झूठ-दर-झूठ सामने आता जा रहा है। अभी एक राष्ट्रीय पार्टी के सबसे बड़े नेता सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पर हलफनामा दाखिल कर माफी पर माफी मांगे जा रहे हैं तो वहीं वाराणसी संसदीय क्षेत्र से गठबंधन प्रत्याशी तेजबहादुर यादव का नामांकन खारिज हो चुका है। इन सबके बीच घोसी संसदीय क्षेत्र का चुनाव भी विवादों के चलते लगातार नित नई करवट लेते हुए दिलचस्प होता जा रहा है। यहां भी गठबंधन प्रत्याशी अतुल राय पर यौन शोषण के आरोप के बाद उनकी दुश्वारियां बढ़ती ही जा रही हैं। बीच चुनाव ही प्रचार छोड़कर गिरफ्तारी से बचने की कोशिश जहां हाईकोर्ट से नाकाम हो चुकी है, तो वहीं पुलिस से बचने की जुगत में भूमिगत हो चुके इस प्रत्याशी पर एक बार फिर झूठ के मामले में आयोग की तलवार लटक गई है। झूठा शपथपत्र दाखिल करने के मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें नोटिस जारी किया है और सोमवार की सुबह 11 बजे तक स्पष्टीकरण के साथ खुद या उनके निर्वाचन अभिकर्ता को उपस्थित होने का निर्देश दिया है। ऐसा न होने पर नियमानुसार कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।
यह है मामला
गठबंधन के बसपा उम्मीदवार अतुल सिंह उर्फ अतुल राय पर बलिया जनपद निवासी एक युवती ने मदद के बहाने यौन शोषण का आरोप लगाते हुए फेसबुक पर वीडियो पोस्ट किया था तथा उन्हें रावण बताते जनता से हराने की अपील की। उसके आरोपयुक्त तहरीर पर प्रत्याशी के विरुद्ध वाराणसी के लंका थाने में दुष्कर्म, धोखाधड़ी आदि गंभीर मामलों में मुकदमा दर्ज हो गया। इस मामले में न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। गिरफ्तारी से बचने के लिए अतुल राय भूमिगत हो गए। इधर पुलिस उनकी तलाश में गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, लखनऊ, दिल्ली समेत अनेक शहरों में छापामारी शुरू कर दी। अतुल राय ने अरेस्ट स्टे के लिए हाईकोर्ट की शरण ली। मामले की गंभीरता और वहां उनके ऊपर 32 मुकदमों को देखते हुए न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी। अब वे गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गए। इधर हाईकोर्ट में दाखिल उनकी याचिका के संदर्भ में सामने आए तथ्य को आधार बनाते हुए भाजपा प्रत्याशी हरिनारायण राजभर ने जिला निर्वाचन अधिकारी के यहां उनके द्वारा नामांकन के समय झूठा आरोपपत्र दाखिल करने की शिकायत की। हरिनारायण राजभर ने दावा किया कि हाईकोर्ट में उनकी याचिका को खारिज करने का आधार 32 आपराधिक मुकदमों को बनाया गया है, जबकि गठबंधन उम्मीदवार ने अपने नामांकन शपथपत्र में महज 13 मुकदमों का उल्लेख किया है। इस झूठे शपथ पत्र के आधार पर हरिनारायण राजभर ने अतुल राय के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उनका नामांकन खारिज करने की मांग की है। इस पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें स्वयं या उनके निर्वाचन अभिकर्ता सपा जिलाध्यक्ष धर्मप्रकाश यादव को स्पष्टीकरण के साथ सोमवार को 11 बजे तक हाजिर होने का आदेश दिया है।
क्या हो सकती है कार्रवाई
इस संबंध में पूछने पर जिलाधिकारी/ जिला निर्वाचन अधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि झूठा शपथ पत्र दाखिल करने का मामला गंभीर है। इस संबंध में शिकायत आई है। प्रत्याशी या उनके अभिकर्ता को हाजिर होने का आदेश दिया गया है। वे पहले उपस्थित हों, यदि नहीं होते हैं तो फिर उनके विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। ‘क्या नामांकन निरस्त हो सकता है’, पूछने पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में समिति निर्णय लेगी। आवश्यक हुआ तो आयोग से मार्गदर्शन प्राप्त किया जाएगा।
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