वाराणसी में कोरोना वायरस से दोबारा संक्रमित हुए लोगों में पाया गया डेल्टा वैरिएंट
बनारस में कोरोना की दूसरी लहर में तबाही मचा चुका डेल्टा वैरिएंट अब तक की सबसे घातक कड़ी है। कोरोना से दोबारा संक्रमित हो चुके लोगों में डेल्टा वैरिएंट ही पाया जा रहा है वहीं बड़ी संख्या में हुई मौतों के लिए भी यही वैरिएंट जिम्मेदार है।
वाराणसी, जेएनएन। बनारस में कोरोना की दूसरी लहर में तबाही मचा चुका डेल्टा वैरिएंट अब तक की सबसे घातक कड़ी है। कोरोना से दोबारा संक्रमित हो चुके लोगों में डेल्टा वैरिएंट ही पाया जा रहा है, वहीं बड़ी संख्या में हुई मौतों के लिए भी यही वैरिएंट जिम्मेदार है। जबकि जो लोग वैक्सीन लगवा चुके थे वे भी यदि कोरोना के शिकार हुए तो उनमें भी डेल्टा वैरिएंट ही था। जानकार ऐसा भी कह रहे हैं कि डेल्टा वैरिएंट के हिसाब से हमें अपनी वैक्सीन को कुछ हद तक अपडेट करना पड़ सकता है।
बीएचयू और सीसीएमबी (सेंटर फॉर सेलुलर एंड माइक्रो बायोलॉजी) हैदराबाद के संयुक्त अध्ययन में शुक्रवार को आए जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट में डेल्टा वैरिएंट बी.1.617.2 की हिस्सेदारी 36 फीसद बताई गई थी, जबकि वाराणसी से कुल 130 सैंपल इकट्ठा किए गए थे। अध्ययन में कई तरह के हैरतअंगेज परिणाम भी सामने आए हैं जिन पर पर्दा उठाना अभी बाकी है। सूत्रों के अनुसार जिन लोगों ने वैक्सीन की एक डोज ले ली है उनमें इस डेल्टा वैरिएंट से मौतों की दर केवल एक फीसद ही दर्ज की गई है। वहीं जिन्होंने वैक्सीन की दोनो डोज ले रखी थी उनमें मौतों की दर नगण्य रही। इसके अलावा जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली थी, उनके मरने वालों की संख्या काफी अधिक थी। इस वैरिएंट से बचाव के लिए देश भर के वैज्ञानिक प्रयास में जुटे हुए हैं।
डेल्टा वैरिएंट में भी लूज मोशन के साथ हो रही है बीमारी
साथ ही इस वायरस के लक्षण ब्रिटिश वैरिएंट से ही मिलते-जुलते हैं। इस वायरस से भी ग्रसित होने वाले लोगों को ब्रिटिश वैरिएंट के जैसे सबसे पहले लूज मोशन और उसके बाद अन्य लक्षण आते थे। मालूम हो कि शुक्रवार को आई बीएचयू पव सीसीएमबी की रिपोर्ट में बनारस में कुल सात वैरिएंट पाए गए हैं, जिनमें बी.1.617.1 (कप्पा), दक्षिण अफ्रीक वैरिएंट (बी.1.351), डेल्टा (बी.1.617.2) और डबल म्यूटेंट वायरस (बी.1.617) मिले हैं।