सोनभद्र में सरकारी अस्पताल से गर्भवती को चलता कर दिया, रात में ही सड़क पर हो गई डिलीवरी Sonbhadra news
पीड़ित महिला के साथ पति पैदल ही अस्पताल से निकल पड़ा लेकिन अभी 50 मीटर भी नही चला होगा कि महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी और रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
सोनभद्र, जेएनएन। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा गरीबों को निःशुल्क इलाज के लिए लोकलुभावन योजनाएं दी जा रही हैं ताकि कोई भी गरीब इलाज के अभाव में दम न तोड़े। वहीं राज्य सरकार के कर्मचारी इतने कठोर हो गए हैं कि प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला को बिना साधन के अस्पताल से बाहर निकरल दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार सोमवार की रात्रि लगभग 7.45 पर कोन अस्पताल में विंढमगंज एम्बुलेंस द्वारा कौसलिया पत्नी विश्वनाथ को लाकर भर्ती कराया गया।
मरीज की हालत गम्भीर होने पर अस्पताल में तैनात कर्मचारी ने महिला को जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी और एम्बुलेंस को फोन किया। लेकिन, मौके पर कोई एम्बुलेंस नही मिलने पर उक्त कर्मचारी ने मरीज व परिजनों को अस्पताल से बाहर भेज दिया। महिला का पति हाथ से विकलांग होने व गरीब होने के कारण उसके पास पैसे नही थे कि कोई गाड़ी कर अपने पत्नी को कहीं इलाज के लिए ले जा सके जिस पर पीड़ित महिला के साथ पैदल ही अस्पताल से निकल पड़ा लेकिन अभी 50 मीटर भी नही चला होगा कि महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी और रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
जिस पर वहां मौजूद ग्रामीणों ने इस घटना की सूचना 100 नम्बर व एम्बुलेंस की दी तो मौके पर एम्बुलेंस व भीड़ एकत्रित होने लगी। जिसकी भनक अस्पताल में तैनात कर्मचारियों को हुई तो आनन-फानन पीड़ित महिला को अस्पताल ले गए और इलाज करने लगी वहीं इस घटना से क्षेत्र के ग्रामीणों में तैनात कर्मचारी के प्रति आक्रोश व्याप्त है।