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जौनपुर में सवारी न मिलने से बंद हुई दिल्ली की बस सेवा, रोडवेज को घाटे से उबारने का प्रयास फेल

घाटे से उबरने को लेकर परिवहन विभाग की तमाम कवायदें परवान नहीं चढ़ पा रही हैं। ट्रेनों की किल्लत व चुनिंदा ट्रेनों के संचालन के बीच रोडवेज की ओर से दिल्ली के लिए दो विशेष बसों की शुरुआत की गई। एक बस रोजाना जबकि एक साप्ताहिक चलाया जा रहा था।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 09:16 PM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 09:16 PM (IST)
जौनपुर में सवारी न मिलने से बंद हुई दिल्ली की बस सेवा, रोडवेज को घाटे से उबारने का प्रयास फेल
लगातार हो रहे घाटे की वजह से पहले साप्ताहिक बस सुविधा को बंद किया गया।

जौनपुर, जागरण संवाददाता। घाटे से उबरने को लेकर परिवहन निगम की तमाम कवायदें परवान नहीं चढ़ पा रही हैं। ट्रेनों की किल्लत व चुनिंदा ट्रेनों के संचालन के बीच निगम की ओर से दिल्ली के लिए दो विशेष बसों की शुरुआत की गई थी। एक बस रोजाना, जबकि एक को साप्ताहिक चलाया जा रहा था। लगातार हो रहे घाटे की वजह से पहले साप्ताहिक बस सुविधा को बंद किया गया। इसके बाद लगभग एक माह से रोजाना बस के संचालन पर भी रोक लगा दी गई है। बसों का संचालन राजस्व को बढ़ाने के लिहाज से किया गया था, लेकिन मुनाफे को कौन कहे बस का प्रत्येक चक्कर घाटे का साबित हुआ। ऐसे में यात्रियों की कमी के बीच निगम इस विशेष सुविधा को अग्रिम आदेश तक बंद कर दिया है।

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डीजल का भी बमुश्किल निकल रहा था पैसा : पूर्व में चुनिंदा ट्रेनों के संचालन के बीच मुसाफिरों की सुविधा के लिहाज से बसों का संचालन शुरू किया था। इससे बमुश्किल निगम को 25 से 30 हजार रुपये राजस्व की प्राप्ति हो रही थी, जबकि दिल्ली से आने व जाने में तकरीबन 21 हजार रुपये का डीजल खर्च हो रहा था। आमदनी के हिसाब से खर्च बेहद कम होने की वजह से पहले एक व बाद में दूसरी बस का भी संचालन रोक दिया गया।

दीपावली पर दोबारा हो सकती है सुविधा की शुरुआत : दीपावली में बड़ी संख्या में दिल्ली में रह रहे लोग अपने घरों को पहुंचना चाहते हैं, लेकिन ट्रेनों में सीट न मिलने पर घर लौटने में मुश्किल होती है। ऐसे में दीपावली के पहले एक बस को दोबारा चलाया जा सकता है, जिससे राजस्व को बढ़ाया जा सके।

बोले अधिकारी : दिल्ली के लिए सवारी न मिलने की वजह से पहले एक व बाद में दूसरी बस को भी बंद कर दिया गया है। जरूरत पड़ने पर दीपावली के पहले एक बस को दोबारा चलाया जा सकता है। -विजय कुमार श्रीवास्तव, एआरएम।


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