Deepawali 2020 : संभल कर न खाइए मिठाई तो स्वाद का मजा बन जाएगा सेहत के लिए सजा
दीपावली पर मिठाइयों की मांग भी खूब रहती है। मांग अधिक होने से मिलावट की आशंका हमेशा बनी रहती है। मांग अधिक होने पर मिठाइयों में मिलावट होने की आशंका बनी रहती है। साथ ही घटिया व खराब मिठाइयों की बिक्री की आशंका भी बढ़ जाती है।
वाराणसी, जेएनएन। दीप ज्योति पर्व दीपावली में अब गिनती के ही दिन बचे हैं। दीपावली से पहले धनतेरस व बाद में भैया दूज का पर्व मनाया जाएगा। इन त्योहारों पर मिठाइयों की मांग भी खूब रहती है। मांग अधिक होने से मिलावट की आशंका हमेशा बनी रहती है। हालांकि बनारस में खोये व दूध के मांग की आपूर्ति स्थानीय स्तर पर होने से मिलावट का डर कम होता है। बावजूद इसके त्योहारों पर शुद्ध मिठाइयां खाने को मिलेंगी, इसकी कोई गारंटी नहीं।
बाजारों में हलवाइयों की दुकानों में रखी विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी और स्वाद वाली मिठाइयां हर किसी को आकर्षित करती हैं। इन्हें देखते ही मुंह में पानी आ जाता है। लोग अपने परिजनों, रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ पहचान वालों को त्योहारों की शुभकामनाएं देने के लिए स्वादिष्ट मिठाइयां जरूर खरीदते हैं। ऐसे में सामान्य दिनों की तुलना में मिठाइयों की मांग कई गुना बढ़ जाती है। मांग अधिक होने पर मिठाइयों में मिलावट होने की आशंका बनी रहती है। साथ ही घटिया व खराब मिठाइयों की बिक्री की आशंका भी बढ़ जाती है। ऐसे में बाजार से मिठाइयां खरीदते समय थोड़ी सावधानी बरतें।
लिवर व आंत को पहुंचाते हैं नुकसान
मंडलीय अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डा. एके श्रीवास्तव के मुताबिक मिठाइयां किसी भी रंग की हो उनमें मिलावट की आशंका रहती है। ज्यादातर केमिकल न्यूरोटाक्सिक होते हैं, जो लिवर व आंतों को नुकसान पहुंचाते हैं। लंबे समय तक इनका सेवन करने से हेपेटाइटिस, लिवर सिरोसिस यहां तक की कैंसर की आशंका रहती है। वहीं आंतों में सूजन के साथ अल्सर भी हो सकता है।
इस तरह करें मिलावट की पहचान
किसी मिठाई का रंग ज्यादा गहरा हो तो उसे कभी न खरीदें। गहरे रंग की मिठाइयों में केमिकल मिले होने का खतरा रहता है। चांदी का वर्क मिठाइयों को स्वादिष्ट और ज्यादा सुंदर एवं आकर्षक बनाता है। मगर चांदी का वर्क भी नकली और मिलावटी हो सकता है। इसकी शुद्धता परखने के लिए चांदी के वर्क को उंगलियों में मसल कर देखें। यदि इकटठा होकर यह छोटी गोली जैसे बन जाए तो नकली है। असली चांदी का वर्क मसलने पर हाथों में ही मिट कर गायब हो जाता है।
ऐसे परखें दूध की मिलावट
दूध सिंथेटिक है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए सिंथेटिक दूध को गर्म करें। ऐसा करने पर सिंथेटिक दूध का रंग हल्का हो जाएगा। वहीं अन्य तरह की मिलावट का पता लगाने के लिए आधा कप दूध और इसमें आधा कप पानी मिलाएं। झाग बने तो दूध में डिटर्जेंट मिला होने का संकेत है।
खोये में मिलावट जांचने का तरीका
शुद्ध खोया बेहद स्वादिष्ट होता है। दोनों उंगलियों में लेकर मसलें। घुल कर गायब हो जाए और उंगलियों पर चिकनाहट रह जाए और चखने पर उम्दा किस्म का स्वाद मिले तो यह मिलावट वाला बिल्कुल नहीं है। वहीं ऐसा करने पर यह दानेदार लगे या पूरी तरह न घुले तो इसमें मिलावट हो सकती है। खोये पर चखने पर स्वाद रहित या कड़वा होना भी मिलावट का संकेत है। इसकी जांच करने के लिए बाजार से फिल्टर आयोडीन लें। खोये पर फिल्टर आयोडीन की दो-तीन बूंदें डालने पर यदि खोये का रंग काला या नीला हो जाय तो यह मिलावटी है।