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नशा मुक्ति की राह दिखा रहा वाराणसी में दीनदयाल अस्पताल का ओएसटी सेंटर, एक ही छत के नीचे पांच सेंटर

पूर्वांचल का एकलौता अस्पताल पांडेयपुर स्थित पंडित दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय हैं जहां पर एक ही छत के नीचे पांच सेंटर हैं। इसमें ब्लड बैंक एआरटी आइसीटीसी ओएसटी व डाट्स सेंटर शामिल हैं। यहां के ओएसटी (ओरल सब्सटीट्यूशन थेरेपी) सेंटर में लोगों का नशा छुड़ाया जा रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 30 Dec 2021 11:40 AM (IST)Updated: Thu, 30 Dec 2021 11:40 AM (IST)
नशा मुक्ति की राह दिखा रहा वाराणसी में दीनदयाल अस्पताल का ओएसटी सेंटर, एक ही छत के नीचे पांच सेंटर
नशा मुक्ति की राह दिखा रहा वाराणसी में दीनदयाल अस्पताल का ओएसटी सेंटर

वाराणसी, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल का एकलौता अस्पताल पांडेयपुर स्थित पंडित दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय हैं, जहां पर एक ही छत के नीचे पांच सेंटर हैं। इसमें ब्लड बैंक, एआरटी, आइसीटीसी, ओएसटी व डाट्स सेंटर शामिल हैं। यहां के ओएसटी (ओरल सब्सटीट्यूशन थेरेपी) सेंटर में लोगों का नशा छुड़ाया जा रहा है। फरवरी 2019 में खुले इस सेंटर में 106 से अधिक लोगों ने नशा छुड़वाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। खास बात हैं कि इस सेंटर में दवा लेने के लिए पीड़ित को प्रतिदिन आना पड़ता है। कारण कि विशेषज्ञ अपने सामने ही इस दवा को देते हैं। इसके लिए यह सेंटर को सातों दिन खोला जाता है। कोरोकाल में भी यह सेंटर प्रतिदिन खुला रहता है। हालांकि उस समय यहां के कर्मचारी पीडि़त के घर जाकर दवा दे रहे थे।

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ओएसटी सेंटर के परामर्शदाता प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव बताते हैं कि नशे की लत वाले लोागें को जेल या नशामुक्ति केंद्र में भेजा जाता है। वहीं नशे के साथ अगर वे एचआइवी से भी ग्रसित पाए जाते हैं उन्हें एचआरटी सेंटर भेजा दिया जाता है। इसमें आइड्यूज यानी इंजेक्ट ड्रग यूजर, हेरोइन, टीटी जेसिक, लूपी जेसिक व नारफिन का ओवर डोज लेने वाले शामिल होते हैं। नशा छुड़ाने का कोर्स एक या दो साल का होता है। इस सेंटर से अभी तक दो लोग पूर्ण रूप से नशा छोड़ सकते हैं।

नशे की अनुभूति कराती है नशा छुड़ाने वाली दवा

प्रेम प्रकाश ने बताया कि ओएसटी सेंटर में आने वाले पीड़ित का सबसे पहले रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इसके बाद परामर्शदाता व चिकित्सक मिलकर ड्रग की डोज का पता करते हैं। उसी के अनुरूप दवा की डोज तैयार की जाती है। ताकि दवा का दुष्प्रभाव नहीं हो। पीड़ित को ऐसी दवा दी जाती है जैसा उन्हें नशा लेने के बाद अनुभूति होती है।

सातों दिन खुलता है यह सेंटर

बताया कि यह सेंटर सातों दिन खोला जाता है। कारण कि पीड़ित को यही से दवा खिलाई जाती है। नशा छुड़ाने वाली दवा को घर ले जाने की छूट नहीं है। बताया कि सामान्य दिनों यह सेंटर सुबह आठ से दोपहर दो और अवकाश के दिनों में सुबह आठ से दोपहर 12 बजे से खुलता है। नशे से पीड़ित लोग यहां पर रजिस्ट्रेशन कराकर उपचार करा सकते हैं।


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