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देश सेवा में मऊ के शहीद का शव पहुंचा पैतृक गांव, शव से लिपट कर रोती रही पत्नी व बच्‍चे

देशसेवा में शहीद मऊ के हलधरपुर क्षेत्र के चकरा निवासी भारतीय सेना के जवान गणेश यादव (37) पुत्र विश्वनाथ यादव का शव शनिवार की सुबह साढ़े ग्यारह बजे के करीब उनके घर पहुंचा। इस दौरान अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 05:56 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 06:07 PM (IST)
देश सेवा में मऊ के शहीद का शव पहुंचा पैतृक गांव, शव से लिपट कर रोती रही पत्नी व बच्‍चे
शहीइ गणेश यादव के शव से लिपटकर रोते बच्चे।

मऊ, जेएनएन। देशसेवा में शहीद हलधरपुर क्षेत्र के चकरा निवासी भारतीय सेना के जवान गणेश यादव (37) पुत्र विश्वनाथ यादव का शव शनिवार की सुबह साढ़े ग्यारह बजे के करीब उनके घर पहुंचा। इस दौरान अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। शहीद को गार्ड आफ आनर दिया गया। लोगों के दर्शनार्थ शहीद का शव रख दिया गया। इसके बाद शव से लिपटकर शहीद की पत्नी तारा देवी व दो बच्चे दहाड़े मारकर रो रहे थे। पिता विश्वनाथ यादव के आंसुओं की धार नहीं रूक नहीं थी। सामने जवान बेटे शव देखकर उनका कलेजा फटा जा रहा था।

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दिल्ली से सीधे शहीद का शव बावतपुर हवाई अड्डा पर पहुंचा था। वहां से देर रात उनका शव पैतृक गांव चकरा के लिए रवाना हुआ। शव पहुंचने से पहले ही आला अफसरों सहित भारी संख्या में लोग मौके पर पहुंच गए। वनमंत्री दारा सिंह चौहान बहुत पहले ही मौके पर पहुंचकर परिजनों को ढांढंस बंधाया और पत्नी तारा को 50 लाख रुपये का चेक प्रदान किया। जिलाधिकारी अमित ङ्क्षसह बंसल, पुलिस अधीक्षक सुशील घुले सहित भारी संख्या में फोर्स मौके पर मौजूद थी। शव के घर पहुंचने पर पुलिस एवं सेना ने जवानों ने गारद, सलामी दी। वन मंत्री दारा ङ्क्षसह चौहान, पूर्व विधायक सुधाकर ङ्क्षसह, जिलाधिकारी, एसपी, बसपा प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर, अल्ताफ अंसारी, सपा जिलाध्यक्ष धर्म प्रकाश यादव, बसपा जिला ध्यक्ष राजीव कुमार ने तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र रख कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने नम आंखों से पुष्प चढ़ाकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया था।

पिता के शव देख बेटी आसमां हो गई बेहोश

पिता का शव देखते ही उनकी दस वर्षीय बेटी आसमा बेहोश हो गई। विगत तीन दिनों से पिता की शहीद होने की खबर से रोते-रोते शहीद की पत्नी तारा बेसुध पड़ी थी। भाई राजेश, पिता विश्वनाथ का भी बुरा हाल था। शहीद के मामा देवेंद्र यादव घटना की सूचना मिलने के बाद से ही शहीद के परिजनों को संभालने हेतु उनके घर पर ही रुके हुए हैं।

एक किलोमीटर तक तिरंगा शव यात्रा में चल रहे थे लोग

शहीद के शव के साथ एक किलोमीटर लंबी शव यात्रा में लोग चल रहे थे। अलीनगर गांव के युवा यशवंत चौहान व बलवंत सिंह सेना की भर्ती की तैयारी कर रहे है। उनके साथ तैयारी में लगे साठ से सत्तर की संख्या में युवा पहसा से ही पैदल शहीद के शव वाहन के पीछे लगभग छह किमी दूर चकरा पहुंचे। क्षेत्र के तमाम गांवों के युवा सेना भर्ती की तैयारी में लगे है। अपने आदर्श गणेश की शहादत को नमन करने पहुंचे। इस दौरान भारत माता की जय के जयकारे गूंज रहे थे।

दोहरीघाट में किया गया शहीद का अंतिम संस्कार

शहीद का अंतिम संस्कार दोहरीघाट स्थित मुक्तिधाम घाट पर किया गया। यहां शहीद के पिता विश्वनाथ ने अपने बेटे को मुखाग्नि दी।

स्टेडियम व इंजीनियरिग कालेज की मांग

लेह में शहीद हुए चकरा के गणेश के घर पहुंचे प्रदेश के वन मंत्री दारा ङ्क्षसह चौहान को गांव के प्रधान प्रतिनिधि अजय कुमार यादव के साथ युवाओं ने शहीद की याद में यहां एक स्टेडियम बनवाने की मांग की। युवा वहां तैयारी कर सेना में भर्ती होकर भारत मां की सेवा कर सके। साथ ही एक इंजीनियरिंग कालेज खुलवाने को लेकर पत्रक दिया।


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