डाक सेवकों की हड़ताल से बेरोजगारों पर दोहरी मार
वाराणसी में ग्रामीण डाक सेवकों की 16 दिन से जारी हड़ताल के कारण बेरोजगारों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
वाराणसी : ग्रामीण डाक सेवकों की 16 दिन से जारी हड़ताल के कारण बेरोजगार युवक और युवतियां बहुत परेशान है। क्योंकि डाक वितरण का कार्य पूरी तरह से ठप है। इसके अलावा मनीआर्डर, पार्सल, वीपी और सीओडी सहित अनेक सेवाएं चरमरा गयी हैं। इस हड़ताल के कारण वाराणसी के पश्चिमी मंडल के 192 शाखा डाकघरों में ताले तक पिछले 16 दिनों से नहीं खुल रहे हैं।
बुधवार को प्रधान डाक घर वाराणसी कैंट मे सुबह 10 बजे से वाराणसी पश्चिम मंडल के लगभग 150 कर्मचारी एकत्रित होकर 16 वे दिन अर्ध नग्न होकर भूख हड़ताल करके अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहे। कर्मचारियों की माग है कि जब तक कमलेश चन्द्रा रिपोर्ट लागू नहीं हो जाती तब तक हड़ताल इसी क्रम में जारी रहेगी। सभा की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जयप्रकाश सिंह ने कहा कि आज 16 दिन के बीत जाने के बाद भी सरकार के कान में जू नहीं रेंग रही है। इस कारण कर्मचारी आर पार की लड़ाई के लिए बाध्य हैं। सभा में मंत्री अनिल कुमार सिंह, विनोद चौबे, ओपी सिंह, राम धनी सिंह, जितेन्द्र गिरि, कृष्ण प्रकाश पांडेय, ओपी मिश्र, कतवारू, नरेन्द्र, सुरेन्द्र गुप्ता, भूपेन्द्र सिंह, दुर्गा सिंह, सत्य नारायण, भिक्खू, मंगरू राम निर्मला देवी, मुन्नी सिंह, आलम, राम प्रभू लाल, आत्मा गिरि, तीर्थ राज पांडेय और महेंद्र सिंह ने कहा कि संचार मंत्री न जाने क्यों हड़ताल को जारी रखने का आमदा है। अगर ऐसा ही रहा तो अगले आम चुनाव में हम लोग मोदी सरकार के खिलाफ जनमत बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक पकड़ हम लोगों की है।