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दुग्ध संघों को मिल रहा प्रोत्साहन, पूर्वाचल में श्वेत क्रांति पर अब जोर

दुग्ध संघों की सुदृढ़ीकरण एवं इसको पुनर्जीवित करने के लिए वित्तीय मदद दी जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Aug 2018 10:15 AM (IST)Updated: Sun, 05 Aug 2018 10:15 AM (IST)
दुग्ध संघों को मिल रहा प्रोत्साहन, पूर्वाचल में श्वेत क्रांति पर अब जोर
दुग्ध संघों को मिल रहा प्रोत्साहन, पूर्वाचल में श्वेत क्रांति पर अब जोर

सौरभ चक्रवर्ती, वाराणसी : दुग्ध संघों की सुदृढ़ीकरण एवं इसको पुनर्जीवित करने के लिए वित्तीय वर्ष में विशेष धनराशि का आवंटन किया गया है। इससे दुग्ध संघों को लाभ होगा। इस दिशा में अपर दुग्ध आयुक्त की ओर से तैयारी की गई है। वाराणसी में रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में इस कदम काफी कारगर होगा। दुग्ध कारोबार में कई नामी कंपनियां जनपद में पहले से ही पैर पसारे हुई है। दूध संघों को बेहतर क्वालिटी के साथ ग्राहकों को संतुष्ट करने होंगे। श्वेत क्रांति की दिशा में यह पहल लाभकारी होगी। डेयरी एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम के तहत स्वरोजगार का लाभ उठाया जा सकता है।

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योजना के तहत प्रदेश के कई जिलों को शामिल किया गया है। जिलों के लिए सात करोड़ सत्तासी लाख पचास हजार रुपये दी जा रही है। इसमें वाराणसी को प्रमुखता दी गई है। योजना के तहत संबंधित जिलों की वास्तविक आवश्यकताओं और भौतिक लक्ष्यों के आधार पर धनराशि आहरित की जाएगी। स्वीकृत की जा रही धनराशि को जिला योजना के तहत होने वाली बचतों में समायोजित किया जाएगा। धनराशि अनुसूचित जाति लाभार्थियों के लिए एससीपी व टीएसपी के निर्धारित मानक के अनुरूप व्यय की जाएगी। इससे संबंधित एक पत्र शासन स्तर से उप दुग्धशाला विकास अधिकारी को जारी किया गया है। जनपद में डेयरी कारोबार को इससे काफी प्रोत्साहन मिलेगा।

जन कल्याणकारी योजनाओं के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में गाय व भैंस पालन डेयरी योजना को लघु उद्योग का दर्जा दिया गया है। इस योजना के तहत दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। मौजूदा समय में दुग्ध संघों के माध्यम से दुग्ध उत्पादकों को पशु खरीदने के लिए ऋण उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही सघन मिनी डेयरी परियोजना के साथ-साथ भारत सरकार की डेयरी एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम के तहत जानवरों की खरीद (पड़िया,बछिया पालन), मिल्किंग मशीन, डेयरी प्रोसेसिंग उपकरण तथा डेयरी पार्लर शुरू करने के लिए अधिकाधिक लाभ इच्छुक एवं पात्र लाभार्थियों को दिया जाएगा।

नाबार्ड के डीडीएम सुशील कुमार तिवारी के अनुसार इस डेयरी एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम के अन्तर्गत सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को लागत का 25 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति और जनजाति के लाभार्थियों को 33 प्रतिशत तक का अनुदान देय है। दुग्ध समिति ग्रामों में सघन मिनी डेरी परियोजना के ऐसे लाभार्थी अथवा अन्य ग्रामों के दुग्ध उत्पादक जिनके पास दस अथवा अधिक दुधारू पशु हैं, नाबार्ड के माध्यम से मिल्किंग मशीन खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। डेयरी प्रोसेसिंग उपकरण खरीद योजना के तहत किसी दुग्ध समिति को यदि किसी प्रोसेसिंग उपकरण की आवश्यकता है तो वह भारत सरकार की योजना के अंतर्गत 25 प्रतिशत से लेकर 33 प्रतिशत अनुदान पर वित्त पोषण कराकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डेयरी पार्लर स्थापित करने को इच्छुक लोगों को लाभ दिलाने के लिए बैंकों से वित्तीय सहायता मिल रहा है।


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