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गौर से पहचान लीजिए चेहरा इस शातिर अपराधी का, कहीं आप न बन जाएं अगला शिकार

बुजुर्ग पदमाकर पांडेय का अपहरण करने वाला फेसबुक फ्रेंड मनीष शर्मा तो शातिर अपराधी निकला। पुलिस टीम उसकी तलाश में निकली तो आपराधिक करतूतों का पता चला।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 10:40 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 10:05 AM (IST)
गौर से पहचान लीजिए चेहरा इस शातिर अपराधी का, कहीं आप न बन जाएं अगला शिकार
गौर से पहचान लीजिए चेहरा इस शातिर अपराधी का, कहीं आप न बन जाएं अगला शिकार

वाराणसी, जेएनएन। चौक के विश्वनाथ गली से बुजुर्ग पदमाकर पांडेय का अपहरण करने वाला फेसबुक फ्रेंड मनीष शर्मा तो शातिर अपराधी निकला। पुलिस टीम उसकी तलाश में निकली तो पीलीभीत, लखनऊ, बरेली, खीरी में आपराधिक करतूतों का पता चला। पुलिस टीम ने पीलीभीत में उसके घर छापा मारा लेकिन वह हाथ नहीं आया। पुलिस ने कई रोज तक पीछा किया पर वह लगातार जगह और ठिकाना बदलता रहा। अब उसकी तलाश में क्राइम ब्रांच को भी लगाया गया है।

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विश्वनाथ गली में रहने वाले 68 वर्षीय पदमाकर सिंह के घर में 15 जनवरी को उनका फेसबुक फ्रेंड मनीष शर्मा आया और पांच दिन तक वहां रहकर बनारस में घूमा-फिरा। फिर 20 जनवरी को वह पदमाकर को गठिया का इलाज कराने के बहाने अपने साथ लखनऊ ले गया। कुछ दिन बाद उनके मोबाइल फोन ऑफ हो गए। मुंबई से आए पुत्र राहुल ने चौक थाने में केस लिखाया तो पुलिस ने जांच शुरू की।

मनीष के मोबाइल फोन पर चार सिम चल रहे थे। एक सिमकार्ड का पता लखनऊ के नखास इलाके का था। उपनिरीक्षक राकेश सिंह लापता पदमाकर के पुत्र राहुल के साथ लखनऊ में उस पते पर पहुंचे तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पता चला कि शातिर मनीष ने पदमाकर की तरह ही वहां भी एक बुजुर्ग को शिकार बनाया था। मोबाइल नंबर उस बुजुर्ग का ही था। उनसे फेसबुक पर दोस्ती गांठने के बाद मनीष मिलने गया और मोबाइल के साथ ही पैसे चुराकर भाग गया। लखनऊ में करतूत करने के बाद वह बनारस आया तो चोरी के मोबाइल का ही इस्तेमाल कर रहा था। सर्विलांस में एक मोबाइल नंबर पीलीभीत का मिला।

पुलिस उस पते पर पहुंची तो वहां किराए के मकान में मनीष की पत्नी अपने भाई के साथ मिली। पता चला कि मनीष बनारस से पदमाकर के साथ अपने घर आकर कई रोज ठहरा था। पुलिस आने की भनक लगने पर वह घर से भागा गया। हालांकि वह पीलीभीत और बगल के लखीमपुर खीरी में ही छिपता फिर रहा है। पता चला कि बरेली में उसके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज है जबकि खीरी में पुलिस ने उसे चोरी की गाडिय़ों के साथ पकड़ा था। तीन दिन तक तलाश के बाद पुलिस टीम लौट आई है। अब यह मामला क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है। पदमाकर की हिफाजत को लेकर परिजन चिंतित हैं।


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