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Cyber ​​Crime : सजगता से करें बिजली बिल के नाम पर ठगी से बचाव, कनेक्शन काटने के झांसे में न आएं

साइबर ठगी करने वाले लोगों को धोखा देने के लिए नित नए हथकंडे अपना रहे हैं। इसी कड़ी में इन दिनों बिजली उपभोक्ताओं के नंबर पर एसएमएस या वाट्स एप मैसेज भेजते हैं। इसमें बताते हैं कि यदि आपने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया तो कनेक्शन काट दिया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 08:10 AM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 08:10 AM (IST)
बिजली विभाग के कस्टमर केयर या स्थानीय कार्यालय में संपर्क करना चाहिए।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : साइबर ठगी करने वाले लोगों को धोखा देने के लिए नित नए हथकंडे अपना रहे हैं। इसी कड़ी में इन दिनों बिजली उपभोक्ताओं के नंबर पर एसएमएस या वाट्स एप मैसेज भेजते हैं। इसमें बताते हैं कि यदि आपने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया तो आपका कनेक्शन काट दिया जाएगा। साथ में प्राय: एक फर्जी बिजली अधिकारी का नंबर भी देते हैं। लोग इनके झांसे में आसानी आ जाते हैं और ये उनके बैंक खातों से जुड़ी व्यक्तिगत जानकारी हासिल करके रुपये उड़ा देते हैं। जब तक लोगों को इसकी जानकारी होती है तब तक काफी देर हो चुकी होती है।

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साइबर क्राइम का शिकार होने पर तत्काल कमिश्नरेट साइबर सेल नंबर 7839856954 या राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर घटना की जानकारी दे सकते हैं। साथ ही एनसीसीपीआर (नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) पर अपनी रिपोर्ट कर सकते हैं। अपने बैंक से संपर्क करके बैंक अकाउंट से होने वाले लेन-देन के बंद कराएं।

पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने बताया कि साइबर ठगों के द्वारा कनेक्शन काटने का भय दिखाकर एक एप के जरिए आनलाइन खातों से पैसा निकालने का नया तरीका है। इस से स्वयं भी बचें और अपने मित्रों एवं पारिवारिक सदस्यों को भी जागरूक करें। बिजली विभाग कभी भी बिजली बिल भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन काटने की धमकी भरे मैसेज नहीं भेजता है।

साथ ही बिजली विभाग कभी भी किसी मोबाइल नंबर से मैसेज नहीं भेजता और ना मोबाइल नंबर पर संपर्क करने के लिए कहता है, बल्कि मैसेज हमेशा बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी के नाम से आता है। अगर उपभोक्ता के पास ऐसे मैसेज या फोन काल आए तो बिजली विभाग के कस्टमर केयर या स्थानीय कार्यालय में संपर्क करना चाहिए व साथ ही बिजली बिल का भुगतान आधिकारिक वेबसाइट या एप के जरिए ही करें।

साइबर फ्राड करने के तरीके

साइबर फ्राड करने वाले मैसेज में दिए गए नंबर पर काल करने के लिए कहते हैं। इस नंबर काल करने के बाद साइबर ठग स्क्रीन शेयरिंग एप जैसे AnyDesk, Quick Support, TeamViewer, Alpemix आदि डाउनलोड करवाया जाता है, जिसके द्वारा मोबाइल पर आए ओटीपी को साइबर अपराधी देख सकता है। इसके अलावा फेक पेमेंट लिंक भेज कर व एटीएम कार्ड डिटेल लेकर और ओटीपी पूछकर फ्राड किया जाता है।

केस-1

शिवपुर की रहने वाली रचना सिन्हा के मोबाइल पर बिल बकाया का मैसेज आया। बिजली कनेक्शन ना कटे इसके लिए साइबर ठगों के कहने पर एक ऐप डाउनलोड किया और उसके खाते से हजारों रुपये कट गए।

केस-2

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन का नाम लेकर बिजली बिल अपडेट के बहाने शिवपुर के रूद्रा अपार्टमेंट के निवासी चंद्रशेखर सिंह के बैंक खाते से साइबर ठगों ने रुपये उड़ा दिए। उनके मोबाइल पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के नाम से एक वाट्सएप मैसेज आया जो कि इलेक्ट्रिसिटी डिस्कनेक्शन से संबंधित था।


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