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धर्म आध्‍यात्‍म की सुर सरिता में रात भर मीरजापुर में भीगते रहे आस्‍थावान

राधाष्टमी महोत्सव के बाद वृन्दावन मथुरा से आयी गोपियों और भगवान कृष्ण के मनोहारी स्वरूप को महाराज श्री ने शाश्वत प्रणाम किया तत्पश्चात सांस्‍कृतिक आयोजनों ने मन मोह लिया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 11:06 AM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 11:11 AM (IST)
धर्म आध्‍यात्‍म की सुर सरिता में रात भर मीरजापुर में भीगते रहे आस्‍थावान
धर्म आध्‍यात्‍म की सुर सरिता में रात भर मीरजापुर में भीगते रहे आस्‍थावान

मीरजापुर (कछवां) । इतराना मत कि हम सब मां बाप है क्‍योंकि तुमने जो सीखा अपने मां बाप से वही अपने बच्चों को सिखा रहे हो। यह बाते सोमवार की रात्रि में वृन्दावन मथुरा से पधारे छत्तीसगढ़ के राज्यगुरू महाराज श्री रितेश्वर जी ने राधाष्टमी महोत्सव के दो दिवसीय समापन के दौरान कही। भक्तों को उपदेशित करते हुए कहा यह परंपरा चली आ रही है कलियुग आ गया है तुम्हारे भीतर भी है। क्या इसी कलियुग में भक्त और ईमानदार पैदा नही हुए जो अपने को दुखी रखकर दूसरों को खुश रखने का प्रयत्न करते हैं। कलियुग तुम्हारे भीतर है तो क्या उनके लिए सतयुग है जब बच्चा जन्म लेता है तो उनके मां बाप को देखा जाता है। क्‍योंकि यही मां बाप ने उन्हें पैदा तो कर दिया पर संस्कार देना उचित नही समझा कौन सा बड़ा काम किया अपने शारीरिक सुख के लिए विवाह किया। रामचरित मानस में पुत्रवति कहलाने की अधिकारिणी वही है जिसने अपने पुत्र और पुत्रियों को रघुपति का भगत बना दिया। 

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संत के आने का कारण होता है काम क्रोध मदलोभ जो तुम्हारे भीतर महाभारत चल रही है उसे मिटाकर तुम्हारे भीतर की वासना को हरण कर के किशोरी जी की उपासना भर देने के लिए संत आते हैं। कोई संत मनोरंजन के लिए नहीं आते, संत तो मनोमंथन के लिए आते हैं। मन के अन्दर के विष को निकालकर उसे भोलेनाथ की तरह संत पी जाता है और अपने भक्त को अमृत पीने को दे देते हैं। मान दो अपमान दो सम्मान करो जो कुछ करो वह गुरू अपने गले में धारण कर लेते हैं क्‍योंकि तुम मेरे हो मैं तुम्हारा हूं। जिस दिन गुरू को समझ लिए उस दिन आखों से अश्रु निकल आएंगे राधा और कृष्ण से प्रेम करो तभी किशोरी जी लिला देखने का अवसर प्राप्त होगा 

 

किशोरी जी का दिव्य जन्मोत्सव राधाष्टमी मनाया गया

सत्संग प्रवचन के बाद किशोरी का जन्मोत्सव विद्वान पण्डित आशीष उपाध्याय के द्वारा वैदिक मन्त्रोंच्चारण के दौरान जलाभिषेक श्री रितेश्वर जी महाराज के कर कमलों के दौरान हुआ उपस्थिति हजारो की संख्या में भक्त महिलाओं ने सोहर गीत और नृत्य कर भक्ति भाव के रसधारा में डूबकर ओतप्रोत होकर मनाया 

कान्हा बरसाने मे आय जईयो बुलाय रही राधा प्यारी

राधाष्टमी महोत्सव के बाद वृन्दावन मथुरा से आयी गोपियों और भगवान कृष्ण के मनोहारी स्वरूप को महाराज श्री ने शाश्वत प्रणाम किया। इसके बाद उनके द्वारा कान्हा बरसाने में आय जइयो बुलाय रही राधा प्यारी, कान्हा मारो बड़ा है कलाकार मारे भर भर के पिचकारी आदि भक्तिमयी गीतों पर कलाकारों संग भक्तों ने जमकर भावविभोर हो रासलीला नृत्य किया। इस दौरान पूरी रात वातावरण में भक्तिरस की धारा मानो बहती रही। 

 

हजारों भक्तों ने भंडारा में प्रसाद ग्रहण किया

राधाष्टमी महोत्सव के समापन के बाद आयोजक आनंदम धाम कछवां के लोगों ने दिव्य भंडारे में प्रसाद की व्यवस्था किया था। उनके सदस्य हाथ जोड़ कर विनम्र निवेदन के लिए प्रसाद ग्रहण करने का अनुरोध करते रहे। भंडारा में हजारों की संख्या में महिलाएं पुरूष युवक युवतियों व बच्चे सभी ने किशोरी जी के प्रसाद को ग्रहण किया। इस दौरान स्थानीय पुलिस सुरक्षा व्यवस्था में लगी रही इस अवसर पर अशोक केशरी, मटुक सिंह, मधुर शोले सोनकर, विजय सोनी, सीताराम सोनकर, रोहित शुक्ला, चन्दन पाण्डेय, सोनू सेठ, जावेद आलम, अंजनी मोदनवाल, गुड्डू रस्तोगी, राकेश सेठ, हरिमोहन सिंह, थाना प्रभारी विजय प्रताप सिंह चौकी प्रभारी संतोष कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।


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