पहड़िया चौराहा पार करना यानी जंग जीतना, यातायात महकमा भी जाम छुड़ाने में हो जा रहा पस्त
पहड़िया चौराहा पार करना लोगों के लिए किसी जंग जीतने से कम नहीं।
वाराणसी, जेएनएन। पहड़िया चौराहा पार करना लोगों के लिए किसी जंग जीतने से कम नहीं। चौराहे से 100-100 मीटर सड़क के दोनों तरफ सुबह से लेकर शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती है। यातायात पुलिस भी इससे परेशान है। जाम छुड़ाते-छुड़ाते पुलिसकर्मी उब कर एक किनारे जाकर खड़े हो जाते हैं। इससे निजात पाने के लिए प्रमुख सड़कों को ¨रग रोड से जोड़ा गया ताकि लोग शहर के अंदर न आकर सीधे रिंग रोड से अपने गंतव्य को जा सकें। लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ।
हरहुआ से चिरईगांव तक बने 12 किमी. ¨रग रोड से संदहा, हिरावनपुर, फरीदपुर, सारनाथ, सिंहपुर, आजमगढ़, सिंधोरा आदि स्थानों पर रैंप बनाए गए हैं जबकि पहड़िया- बेला मार्ग पर रैंप नहीं बनाया गया है। बेला जाने वाले लोगों को पहड़िया चौराहे पर आना पड़ता है। यदि रैंप होता तो गाजीपुर व बाबतपुर आने वाले लोग इस चौराहे पर नहीं आते। कालोनीवासियों ने लगाया बैरियर जाम से बचने को लोग कालोनियों की तरफ रुख करने लगे जिससे यहां की सड़कें खराब होने लगी। परेशान कालोनीवासियों ने बड़े वाहनों को रोकने के लिए प्रवेश गेट पर बैरियर, पीलर और गेट लगा दिया। समय और पैसा दोनों बर्बाद श्रीनगर कालोनी के वीरेंद्र दुबे ने बताया कि जाम से दिक्कत हो रही है।
हृदयपुर में रैंप होता तो उधर से जल्द बाबतपुर या गाजीपुर निकलने में आसानी होती। लेकिन ¨रग रोड से आने में समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है। कारोबार हो रहा प्रभावित पहड़िया व्यापार मंडल के अध्यक्ष अरविंद कुमार के मुताबिक जाम के चलते लोग खड़े नहीं होते जिसका सीधा प्रभाव कारोबार पर पड़ रहा है। यही हाल रहा तो लोग दुकानें बंद कर दूसरे स्थान पर चले जाएंगे।
- पहड़िया चौराहे पर लगने वाले जाम को लेकर यातायात विभाग से रिपोर्ट मांगी जाएगी। वहीं ¨रग रोड पर रैंप बनने से जाम से मुक्ति मिलती है तो इस पर विचार किया जाएगा। -दीपक अग्रवाल, मंडलायुक्त