एलआइयू से रिपोर्ट लिए बिना ही दे दिया था प्रतिसार निरीक्षक ने एके-47 से लैस गनर Varanasi news
अभिषेक मिश्रा को एके-47 से लैस गनर तो मौखिक आदेश पर मिला लेकिन बीते आठ माह में एक बार भी प्रतिसार निरीक्षक ने एलआइयू से रिपोर्ट लेने की जहमत नहीं उठाई।
वाराणसी, जेएनएन। राज्य सूचना आयोग का खुद काे अध्यक्ष तो कभी सदस्य बनकर बनारस समेत आसपास के जिलों में धौंस जमाने वाले अभिषेक मिश्रा को एके-47 से लैस गनर तो मौखिक आदेश पर मिला लेकिन बीते आठ माह में एक बार भी प्रतिसार निरीक्षक ने एलआइयू से रिपोर्ट लेने की जहमत नहीं उठाई। सीओ कैंट ने शुक्रवार को अभिषेक निवासी सोयेपुर, कैंट से लंबी पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया। पुलिस महकमे को बीते छह महीने से अपनी अंगुली पर नचाने वाले अभिषेक मिश्रा की करतूत सामने आने के बाद से ही आला अधिकारी चुप्पी साधे हैं। उधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीजी जोन ने सभी जिलों के कप्तानों से रिपोर्ट मांगी है कि उनके यहां कौन-कौन लोग सुरक्षा प्राप्त हैं, उनकी गतिविधियां क्या है, एलआइयू रिपोर्ट लगी है या नहीं।
वाराणसी में फिलहाल 58 लोग ऐसे हैं जिन्हें सुरक्षा प्रदान की गई है। दरअसल, अदालती आदेश और शासन की ओर से की गई संस्तुति के मामलों को छोड़कर अन्य कोई भी व्यक्ति सुरक्षा के बाबत पुलिस से गनर की मांग करता है तो खुफिया तंत्र से उसकी जांच कराई जाती है। एलआइयू की रिपोर्ट ही तय करती है कि उसे गनर की वास्तव में जरूरत है या नहीं। अभिषेक मिश्रा को गनर देने से पहले एलआइयू से कोई सत्यापन नहीं कराया गया। लोकसभा चुनाव के दौरान फरवरी में अभिषेक ने जिले के एक आला अधिकारी को अपने झांसे में ले लिया और खुद को राज्य सूचना आयोग का सदस्य बताया। लिखित आदेश के बिना ही प्रतिसार निरीक्षक ने अभिषेक को एके-47 से लैस गनर उपलब्ध करा दिया।
थानेदार भी रहते झांसे में, पड़ोसी भी खाते थे खौफ : अभिषेक मिश्रा के पड़ोस में रहने वाले भी उसके रौब से खौफ खाते थे। एके-47 लिए गनर के साथ अभिषेक पूरे बाजार में पैदल ही घूमता और अपने अरदब में लेता। किसी से खुद को राज्य सूचना आयोग का अध्यक्ष बताता तो कभी सदस्य। आलम यह कि नगर के कई थानेदार भी अभिषेक मिश्रा की धौंस का शिकार थे। कई थानाध्यक्षों से छावनी समेत नगर के कई होटलों में कमरे बुक कराता था। कचहरी और आसपास के इलाके में जब अभिषेक गनर लेकर निकलता तो दारोगा से लेकर इंस्पेक्टर तक सलामी ठोंकते थे। जो थानेदार, चौकी प्रभारी उसके प्रभाव में आ जाता, वह उनके लोकल मामलों की पैरवी करता और इसके एवज में मोटी रकम वसूलता। कुछ दिन पहले उसने एक युवती की जमीन की खरीदफरोख्त के मामले में भी पैरवी करते हुए नदेसर के एक शख्स के खिलाफ मुकदमा कायम करा दिया था।