बीएचयू के छात्र समेत दो गंगा में समाए
वाराणसी : रोहनिया थाना क्षेत्र के शूल टंकेश्वर मंदिर के समीप गंगा में रविवार को बीएचयू के
वाराणसी : रोहनिया थाना क्षेत्र के शूल टंकेश्वर मंदिर के समीप गंगा में रविवार को बीएचयू के छात्र समेत दो लोग समा गए। क्षेत्रीय लोगों के अनुसार जहां पर हादसा हुआ है, हर साल इसी तरह पांच से अधिक लोगों की मौत हो जाती है।
काशी ¨हदू विश्वविद्यालय में बीए अंतिम वर्ष का छात्र आशीष कुमार 21 वर्ष आचार्य नरेंद्र देव छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहा था। ग्राम मसौड़ी थाना भगवान गंज जिला पटना, बिहार के मूल निवासी विजय विश्वकर्मा का पुत्र आशीष अपने मित्रों पीयूष, गौरव, रोहित प्रत्युष व राहुल के साथ शाम को शूल टंकेश्वर मंदिर परिसर पहुंचा था। आशीष व तीन गंगा में स्नान कर रहे थे कि अचानक बने भंवर में आशीष फंस गया। मित्रों ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए। तत्काल पुलिस को सूचना दी। गोताखोरों की मदद से आधे घंटे बाद आशीष को निकाला गया लेकिन उसकी सांस थम चुकी थी। पुलिस ने परिजनों को सूचित कर दिया है।
उधर, रविवार सुबह कुरहुआ निवासी सागर विश्वकर्मा की भी शूल टंकेश्वर मंदिर के समीप माधोपुर में गंगा स्नान के दौरान डूबने से मौत हो गई। सागर सुबह अपने छोटे भाई करण के साथ स्नान करने पहुंचा था। छोटा भाई स्नान मंदिर में दशर्न करने चला गया लौट कर आया तो देखा कि और लोग नहा रहे थे मगर उसका भाई नही दिखा। रोते बिलखते भागकर घर पहुंचा। परिजनों के साथ आए मल्लाहों ने गंगा में डूबे सागर को निकाला और समीप के अस्पताल ले गए जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सामगर तीन भाइयों व एक बहन में सबसे बड़ा था। बढ़ई का काम करने वाले सागर के पिता सियाराम विश्वकर्मा दिव्यांग है।
रोज दो हजार की भीड़, एनडीआरएफ न पीएसी
गंगा किनारे स्थित शूल टंकेश्वर महादेव मंदिर क्षेत्र में प्रतिदिन दो हजार लोग आते हैं। डाला छठ पर यहां तीस से चालीस हजार लोग पूजन को आते हैं। शिवरात्रि पर यहां आने वाले भक्तों की संख्या एक लाख के ऊपर रहती है। मंदिर परिसर से सटकर बहने वाली गंगा का यहां बहाव तेज होता है। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि यहां प्रत्येक वर्ष पांच से सात लोगों की डूबने से मौत हो जाती है। पिकनिक स्पाट होने के बाद भी यहां अब तक न तो एनडीआरएफ के जवान तैनात हुए न ही पीएसी के प्रशिक्षु जवान।