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विदेशी डिमांड पर मारी जा रही गो माता की कोख

चंदौली सहित पूर्वाचल में गोतस्करों का संजाल कुछ ऐसा फैला है कि अब गायों की कोख उजाड़ी जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 01:07 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 01:07 PM (IST)
विदेशी डिमांड पर मारी जा रही गो माता की कोख
विदेशी डिमांड पर मारी जा रही गो माता की कोख

राकेश श्रीवास्तव, चंदौली : गोतस्करों का संजाल कुछ ऐसा फैला है कि अब विदेशी डिमांड पर पशु तस्कर गो माता की 'कोख' मार दे रहे हैं। यह कुकृत्य कमाई को चार गुना करने के लिए किया जा रहा। पुलिस से बचने को गायों के साथ बछिया, बछड़े भी ले जाए जा रहे। दरअसल, पुलिस से बचने को तस्कर पशुओं को घरेलू बताते बछड़ों, बछियों को गायों की संतान बताते हैं। तस्करों ने पूछताछ में गो माता की कोख मारने की सच्चाई उजागर की तो पुलिस के कान खड़े हो गए। सरकारी एजेंसियां गर्भवती गायों की तस्करी पर अंकुश को लेकर अलर्ट हो गई हैं। ऐसे सामने आई सनसनीखेज सच्चाई

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कंदवा पुलिस ने मई माह में गर्भवती दो गाय एक बछिया बरामद किया। तस्कर संजय सोनकर निवासी जौनपुर एवं धर्मेंद्र कुमार निवासी भभुआ बिहार हत्थे चढ़े। बलुआ पुलिस ने मई माह में गर्भवती तीन गाय, तीन बछड़ा बरामद किया। केशव राम यादव निवासी धररी थाना शहडोल मध्यप्रदेश एवं नकड़ू निवासी मा¨नद गढ़ कोरिया छत्तीसगढ़ पकड़े गए। गाएं देखने मात्र से गर्भवती लग रही थीं, जबकि तस्कर बछड़ा, बछियों को उनकी संतान बता रहे थे। पुलिस ने शक होने पर सख्ती की तो सनसनीखेज सच्चाई सामने आई। पशु तस्करों ने बताया कि गर्भवती गाएं विदेशी बाजारों में चौगुने दाम पर बिक रहीं हैं। मसलन 25 हजार की गर्भवती गाय के दो लाख रुपये मिल रहे। कंदवा एवं बलुआ पुलिस की कार्रवाई के दो उदाहरण मात्र है, जबकि पुलिस ने छह माह में 150 गर्भवती गायों, दो सौ बछड़ों समेत 588 को कटने से बचा लिया। यूं गो माता ने ही खोला राज

पुलिस को शक तो पहले से ही हो रहा था। गर्भवती गायों के साथ बछड़ा, बछिया को ले जाने का क्या मतलब? पशुओं के साथ जा रहे पशु तस्कर बताते कि बछड़ा, बछिया गायों की संताने हैं। पुलिस हल निकालने को एक खूंटे पर गाय, बछड़े, बछिया को बांधा तो कथित मां ने उन्हें स्वीकार नहीं किया। फिर क्या पशु तस्करों की पोल खुली तो पुलिस ने दबोच लिया। पूछताछ में गो माता की कोख मारे जाने की सच्चाई उजागर हो गई। सुरक्षा एजेंसियां सख्त

जंगलों के रास्ते तस्करी पुलिस एवं दूसरी सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती के बाद बदला है। मसलन, जंगलों के रास्ते बिहार में पहुंचाई जा रही गर्भवती गाएं, बछिया, बछ़ड़ा। इन्हें बिहार बार्डर पर डंप किया जा रहा, जिसे एक बड़े ट्रकों से इनकी खेप पश्चिम बंगाल पहुंचाई जा सके। बिहार में पशु क्रूरता अधिनियम लागू न होने से पशु तस्कर बिहार पहुंचकर बेफिक्र हो जाते हैं। पशुओं की बरामदगी पर एक नजर

1-जानवरों की कुल बरामदगी :588 कुल बरामदगी

2-गर्भवती गाएं : 150

3-बछड़े : 200

4-कुल अभियुक्त : 109

5-गिरफ्तार पशु तस्कर : 44

6-आत्मसर्मण किए : 97

7-फरार अभियुक्त : 6 ----

'पशु तस्करी में ट्रेंड में नए बदलाव की सुगबुगाहट मिली है। जिले में पशु तस्करी को शून्य के स्तर पर ला खड़ा करने को कोशिश जारी है। 588 बेजुबानों को हम बचा चुके हैं। कुछ माह पूर्व तक एक गाय, बछिया को लेकर जाने वाले को छोड़ दिया जाता था। नए बदलाव की जानकारी के बाद हम पूछताछ में संतुष्ट होने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचते हैं।'

-संतोष कुमार ¨सह, पुलिस अधीक्षक चंदौली।


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