कागजी अलाव से सेंका भ्रष्टाचार, कई जगह 20 किलो ही गिराई जा रही लकड़ी
वाराणसी में नगर निगम लाख दावे कर ले कि शहर भर में अलाव जलाए जा रहे हैं, लेकिन सच्चाई उलट है, 65 स्थानों पर 50-50 किलो लकड़ी गिराने की बात कही जा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। नगर निगम लाख दावे कर ले कि शहर भर में अलाव जलाए जा रहे हैं, लेकिन सच्चाई उलट है। 65 स्थानों पर 50-50 किलो लकड़ी गिराने की बात कही जा रही है। इनमें कई स्थानों पर लकड़ी नहीं गिराई जा रही, जबकि जहां गिराई जा रही है वहां भी खेल किया जा रहा है। कुछ जगहों पर 20 किलो से कम लकड़ी दी गई। उसमें भी हरे पेड़ों की लकडिय़ां डाल दी जा रही हैं। इससे उन्हें जलाने में मशक्कत करनी पड़ रही है।
तीसरी बार जारी हुआ टेंडर, नहीं मिले आवेदक : अलाव के लिए नगर निगम तीन बार टेंडर जारी कर चुका है, लेकिन कोई आवेदक नहीं मिला। दो बार आवेदन नहीं पडऩे पर तीसरी बार ई टेंडर जारी किया गया, लेकिन कोई नहीं मिला।
पिछले साल के रेट पर खरीद : अलाव की लकड़ी खरीदने के लिए निजी सप्लायर से पिछले वर्ष के रेट 630 रुपये प्रति कुंतल के आधार पर सौदा तय किया गया है। पिछले साल टेंडरिंग प्रक्रिया से 21 लाख रुपये की लकड़ी खरीदी गई थी। इस बार अभी तक एक लाख रुपये की खरीद हो चुकी है। दिसंबर मध्य से फरवरी अंतिम तक अलाव जलाने की प्रक्रिया चलती है। ठंड के हिसाब से लकड़ी की मात्रा तय की जाती है, लेकिन यह सब सिर्फ कागजी होता है।
बोले अधिकारी : ठंड में सार्वजनिक स्थानों पर अलाव के इंतजाम के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया था। अगर कहीं से शिकायत आ रही है तो मौके पर अधिकारी को भेज कर जांच कराई जाएगी। -नितिन बंसल, नगर आयुक्त।