प्रधानमंत्री आवास में भ्रष्टाचार का मामला पहुंचा डीएम दरबार
प्रधानमंत्री आवास योजना भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है। सर्वे के नाम पर वसूली हो रही है।
वाराणसी : प्रधानमंत्री आवास योजना भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है। सर्वे के नाम पर सर्वेयरों द्वारा लाभार्थियों से पांच सौ से लेकर एक हजार रुपये तक वसूली का मामला सामने आया है। डीएम दरबार तक मामला पहुंचने के बाद डूडा कार्यालय में हड़कंप मचा है। सर्वे के नाम पर वसूली करने वाले सर्वेयरों को कार्यमुक्त करने के साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा लिखवाने की तैयारी चल रही है।
औसानगंज निवासी संतोष कुमार गुप्ता सोमवार को दोपहर में विकास भवन स्थित नगरीय विकास अभिकरण कार्यालय (डूडा) पहुंचा। पान की दुकान के संचालक संतोष ने परियोजना अधिकारी केएस परिहार को बताया कि सर्वे के लिए कार्यदायी एजेंसी के शशांक शनिवार को उसके घर आए और एक हजार रुपये देने पर ही दूसरी किश्त के लिए जियो टैगिंग की बात कही। संतोष ने पांच सौ रुपये ही उपलब्ध होने की गुहार लगाते हुए शशांक से टैगिंग के लिए कहा लेकिन वह चला गया। संतोष के आरोपों से क्षुब्ध पीओ डूडा केएस परिहार ने तत्काल कार्यदायी एजेंसी के गौरव को तलब किया। साथ ही शशांक को भी विकास भवन बुलाया गया।
लाभार्थी से सामना होते ही शशांक के हाव-भाव बदल गए। इन्कार के बाद परियोजना अधिकारी के तेवर देखते हुए शशांक ने वसूली की बात स्वीकार की। केएस परिहार ने शशांक समेत हाल के दिनों में आए अन्य सर्वेयरों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए तत्काल सभी को कार्यमुक्त करने का आदेश दिया। परियोजना अधिकारी ने सर्वे से जुड़ी कार्यदायी संस्था के स्थानीय प्रमुख गौरव की भी जमकर क्लास लगाई क्योंकि गौरव ने परियोजना अधिकारी को जानकारी दिए बिना ही ठेके पर कई कर्मचारी रखे थे। लखनऊ से भी आई है टीम, जमकर हो रही वसूली -
औसानगंज के संतोष की एक शिकायत पर कार्यदायी संस्था के कर्मचारी तलब हुए तो एक के बाद एक कर कई मामले सामने आने लगे। पता चला कि लखनऊ से भी एक प्लानर सर्वे टीम आई है। उसके कर्मचारी भी खुलेआम लाभार्थियों से अवैध धन वसूल रहे हैं। डीपीआर, सर्वे व जिओ टैगिंग का कांट्रेक्ट लेने वाली कंपनियों के कर्मचारी खुलेआम पैसे मांग रहे हैं। दोपहर बाद मामला डीएम तक पहुंच गया। डीएम ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ मुकदमा कायम करने का आदेश दिया है।
आए दिन पहुंच रही शिकायत
पीएम आवास योजना में जिओ टैगिंग व लाभार्थियों की फाइल बनाकर उनको धनराशि दिलाने के लिए मुंबई की एक कंपनी के 40 कर्मचारी नगर निगम, रामनगर व गंगापुर में घूम रहे हैं। कंपनी ने 18 को ठेके पर रखा है। सर्वे के लिए ठेके पर रखे गए अधिकतर सर्वेयरों द्वारा धन उगाही की शिकायत पहुंच रही है। बीते दिनों कार्यालय में एक युवक को परियोजना अधिकारी ने सर्वे के नाम पर रुपये मांगते पकड़ा था। जारी होगा परिचय पत्र, कोई मांगे रुपये तो करें शिकायत -
डूडा के परियोजना अधिकारी केएस परिहार ने सर्वे का काम कर रही कार्यदायी एजेंसी को सर्वेयरों के परिचय पत्र बनवाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही लाभार्थियों से अपील की कि सर्वे के नाम पर यदि कोई रुपये की मांग करता है तो तत्काल कार्यालय में सूचित करें।