यातायात व नागरिक पुलिस के चार सिपाही पूरे दिन वसूली में डूबे रहते, सड़क पर धंधा-पानी
शहर के बीचोंबीच खरबूजा शहीद मार्ग-घौंसाबाद नदेसर पुलिस चौकी से नदेसर ताल तक सड़कों पर कब्जा है कूड़े से इलाका अटा पड़ा है।
वाराणसी, जेएनएन। शहर के बीचोंबीच खरबूजा शहीद मार्ग-घौंसाबाद, नदेसर पुलिस चौकी से नदेसर ताल तक सड़कों पर कब्जा है। कूड़े से इलाका अटा पड़ा है। जुआ से लेकर हर तरह के नशे का कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है। सड़कों पर कब्जा कर कबाड़-गंदगी फेंक दी गई है। इलाके में धंधा-पानी करने वाले अपना कारोबार सड़क पर कर रहे हैं लेकिन उन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं। वजह-यहां प्रतिदिन वसूली का जबरदस्त खेल चलता है। हेरोइन - गांजा की तस्करी इस इलाके में जोरों पर चल रही है। अवैध तरीके से पूरे इलाके में सजी दुकानों से नगर निगम, परिवहन विभाग से लेकर लोकल पुलिस तक मोटी रकम रोज वसूलती है। हैरानी की बात यह कि पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी इन मार्गों का नियमित उपयोग करते हैं लेकिन उनका काफिला हूटर बजाते हुए निकल जाता है इसलिए शायद क्षेत्रीय लोगों की तकलीफ समझ नहीं आ रही।
क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि कैंट थाने के फैंटम दस्ता में शामिल दो सिपाहियों व ट्रैफिक पुलिस के दो सिपाहियों का एक सिंडिकेट है जो यहां पर अपनी धाक जमा रखा है। एसपी ट्रैफिक शिकायत पर कार्रवाई के लिए सिपाहियों को भेजते हैं लेकिन उनमें से एक सिपाही विभाग की गाडिय़ां एक मैकेनिक से बनवाता है, इसलिए वह कार्रवाई की झूठी रिपोर्ट पहुंचाता है। कार्रवाई के लिए टीपी लाइन से निकलने से पहले मैकेनिक को सूचित कर देता है और आननफानन में वाहनों को हद में कर लिया जाता है।
चौतरफा सड़कों पर होने वाले कारोबार में पुलिस के साथ ही नगर निगम का भी हाथ है। क्षेत्र में लगातार हो रहे अतिक्रमण को हटाने की संयुक्त जिम्मेदारी है लेकिन कैंट थाने के कुछ सिपाही यहां हफ्ता वसूली में अधिक मगन रहते हैं। वीआइपी रोड होने के बाद भी नगर निगम, वीडीए और जिला प्रशासन ने इलाके के सुंदरीकरण की तरफ कभी ध्यान नहीं दिया। अधिकारियों की उपेक्षा के चलते निचले स्तर के लोगों ने वसूली का जरिया बना लिया।