हरिश्चंद्र घाट पर घंटों पड़ी रही संक्रमित की लाश, बड़ी मुश्किल से हुआ दाह संस्कार
हरिश्चंद्र घाट पर बुधवार को कोरोना संक्रमित की लाश घंटों पड़ी रही। इस दौरान मृतक के परिवारीजन ने पहने पीपीई किट को निकाल कर सड़क पर रख दिया तो बवाल हो गया।
वाराणसी, जेएनएन। हरिश्चंद्र घाट पर बुधवार को कोरोना संक्रमित की लाश घंटों पड़ी रही। इस दौरान मृतक के परिवारीजन ने पहने पीपीई किट को निकाल कर सड़क पर रख दिया तो बवाल हो गया। स्थानीय लोगों ने विरोध कर दिया। सूचना पर पुलिस पहुंची तो परिवारीजन ने प्रशासनिक उपेक्षा का आरोप लगाया।
कहना था कि सीएनजी शवदाह गृह के गेट पर दो घंटे से लाश पड़ी है और कोई सुधि लेने वाला नहीं है। जानकारी दी कि शवदाह में देर होने पर उमस होने लगी थी तो पीपीई किट निकाल कर किनारे रख दिया। इस पर पुलिस ने उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए चेताया। साथ ही दाह संस्कार के लिए तत्परता दिखाने का शवदाह गृह कर्मियों को आदेश दिया। थाना प्रभारी यूपी सिंह ने जानकारी दी कि मुकीमगंज निवासी कोरोना पॉजिटिव हरिश्चंद्र महाविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष का पार्थिव शरीर है। बीएचयू स्थित सरसुंदर लाल अस्पताल से हरिश्चंद्र घाट पर दोपहर बाद एंबुलेंस से ले आया गया था। परिवारीजन अंतिम संस्कार के बाद किट को जलाने के लिए तैयार हो गए तो विरोध कर रहे लोग मान गए। शवयात्रा में कुछ महिलाएं भी थीं। मृतक के दो भाइयों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने कोरोना पॉजिटिव मृतक के साथ उपेक्षा की है। कफन में लपेटकर लाश को घाट तक पहुंचाकर प्रशासन ने जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली। घाट पर दाह संस्कार के लिए दर-दर भटकना पड़ा।
रेड जोन की तरह विसंक्रमित हो घाट
हरिश्चंद्र घाट और आसपास के लोगों ने कोरोना संक्रमण से सुरक्षा की मांग की है। कहना है कि जब कोरोना संक्रमित मृतक का अंतिम संस्कार होता है तब मोहल्ले को ठीक से सैनिटाइज नहीं किया जाता। उन्होंने घाट को रेड जोन की तरह विसंक्रमित करने की मांग उठाई।