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वाराणसी में कोरोनावायरस का संक्रमण : देख लें खुद की लापरवाही, सड़क से लेकर बाजार तक कोताही

वाराणसी में लोगों की घोर लापरवाही बिना मास्क बाहर निकलना भीड़ में जाना और शारीरिक दूरी के नियम का पालन न करने का खामियाजा पूरे शहर को भुगतना पड़ सकता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 04:00 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 04:00 PM (IST)
वाराणसी में कोरोनावायरस का संक्रमण : देख लें खुद की लापरवाही, सड़क से लेकर बाजार तक कोताही
वाराणसी में कोरोनावायरस का संक्रमण : देख लें खुद की लापरवाही, सड़क से लेकर बाजार तक कोताही

वाराणसी, जेएनएन। लोगों की घोर लापरवाही, बिना मास्क बाहर निकलना, भीड़ में जाना और शारीरिक दूरी के नियम का पालन न करने का खामियाजा पूरे शहर को भुगतना पड़ सकता है। 30 जून तक यानी कुल 102 दिन में मरीजों की संख्या जितनी थी, उसे करीब पांच गुना होने में महज 30 दिन लगे। वहीं जुलाई के बाद अगस्त में भी कोरोना की तेज रफ्तार जारी है। सात दिन में कुल 1298 मरीज मिले हैं, जबकि इस दौरान कुल 19 की मौत हुईं। प्रशासनिक रणनीति, मुस्तैदी भी मौतों और संक्रमित मरीजों के बढ़ते आंकड़ों पर अंकुश लगाने में विफल साबित हो रही है।

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सड़क से लेकर बाजार तक कोताही

लोगों को बड़ी आफत से बचाने की हर मुमकिन कोशिशें प्रशासन की ओर से की जा रही हैं। सप्ताह में दो दिन बंदी कर दी गई। बाजार, दुकान खोलने का समय निर्धारित कर दिया गया। बावजूद इसके लोग नियमों का पालन करने में कोताही बरत रहे हैं। बात चाहे विश्वेश्वर गंज की हो या पंचक्रोशी, चंदुआ सट्टी, दालमंडी आदि की। यहां न तो शारीरिक दूरी का पालन हो रहा है और न ही मास्क लगाकर लोग पहुंच रहे हैं। जो लोग मास्क लगाकर बाहर निकल भी रहे हैं, उनमें से अधिकांश के मास्क मानक के मुताबिक हैं ही नहीं।

आरटीपीसीआर, ट्रूनेट जांच व एंटीजन किट से हो रही जांच

जिले में अब तक 62783 लोगों के सैंपल लिए गए। इनमें से 53643 की रिपोर्ट आई। 4065 पॉजिटिव रहे, जबकि 49578 निगेटिव आए। आइएमएस-बीएचयू स्थित माइक्रोबायोलॉजी विभाग के लैब, मॉलिक्यूलर बायोलॉजी यूनिट के लैब व मल्टीडिस्प्लीनरी लैब में जहां आरटीपीसीआर टेस्ट किए जा रहे हैं। वहीं मंडलीय अस्पताल के लैब में आरटीपीसीआर व ट्रूनेट से सैंपल जांचे जा रहे हैं। इसके अलावा निजी तौर पर निर्धारित शुल्क लेकर हेरिटेज लंका में भी आरटीपीसीआर जांच किए जा रहे हैं।

बदतर हो रही स्थिति, सतर्कता ही बचाव

आइएमएस-बीएचयू स्थित मॉलिक्यूलर बायोलाजी यूनिट के विभागाध्यक्ष व ख्यात वायरोलॉजिस्ट प्रो. सुनीत कुमार ङ्क्षसह के मुताबिक कोरोना संक्रमण से बचाव व अन्य सुरक्षात्मक उपायों को लेकर लोगों में संजीदगी की कमी है। तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच सुरक्षा नियमों की जानकारी, उनका पालन व अतिरिक्त सतर्कता ही लोगों को बचाएगी। अब भी वक्त है, लोगों को बहुत संभलकर चलने की जरूरत है। 

गांठ बांध लें ये बातें

- भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर हरगिज न जाएं।

- अनावश्यक घर से बाहर न निकलें।

- बहुत जरूरी होने पर मास्क लगाकर ही निकलें।

- हैंड सैनिटाइजर का बार-बार इस्तेमाल करते रहें।

- बाहर से घर में आने पर खुद को सैनिटाइज करें व हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करते हुए मोबाइल स्क्रीन भी जरूर पोछें।

- सार्वजनिक स्थानों पर शारीरिक दूरी का अनिवार्य रूप से पालन करें। अनजानी वस्तुओं हरगिज न छुएं।

- घर में भी संभव हो तो दरवाज के हैंडल, चिटकरी को भी पानी में हल्का ब्लीच मिलाकर पोछतें रहें।

एक नजर में कोरोना की स्थिति

60 मरीज 21 मार्च से 30 अप्रैल

122 मरीज एक से 31 मई

314 मरीज एक से 30 जून

483 मरीज एक से 15 जुलाई

500 16 से 21 जुलाई

1288 22 से 31 जुलाई

अगस्त की स्थिती

अगस्त  संक्रमित मरीज

01       182 

02       144

03       139

04        99

05       218

06       210

07       312

08       196


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