संस्कृत विवि : दीक्षा समारोह पर आंदोलन की मंडरा रही है काली छाया, वार्ता विफल
संस्कृत कालेजों में शिक्षकों की भर्ती पर लगी रोक से क्षुब्ध छात्रों ने कार्यालय खुलने नहीं दिया, छात्र पूरे दिन केंद्रीय कार्यालय के सामने धरने पर रहे।
वाराणसी (जेएनएन) । संस्कृत कालेजों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया बहाल करने की मांग को लेकर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र अड़े हुए हैं। शासन के आदेश के आगे विश्वविद्यालय प्रशासन भी विवश नजर आ रहा है। ऐसे में गतिरोध कायम है, छात्रों के आंदोलन के चलते दीक्षा समारोह की तैयारी प्रभावित हो रही है। इस स्थिति में अगर छात्रों का आंदोलन लंबा खींचा तो दो नवंबर को दीक्षा समारोह कराना विश्वविद्यालय के लिए आसान नहीं होगा।
संस्कृत कालेजों में शिक्षकों की भर्ती पर लगी रोक से क्षुब्ध छात्रों ने लगातार चौथे शुक्रवार को भी कार्यालय खुलने नहीं दिया। छात्र पूरे दिन केंद्रीय कार्यालय के सामने धरने पर बैठे रहे। छात्रों के विरोध प्रदर्शन के चलते आज भी विश्वविद्यालय का कामकाज पूरी तरह ठप रहा। इस दौरान छात्रों ने जमकर नारेबाजी भी है। इस दौरान छात्रों से वार्ता करने धरना स्थल पर गए कुलपति को भी विरोध का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर सुरक्षा के नाम परिसर में आज नाममात्र के पुलिस तैनात थे। वहीं कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल से छात्रों के चल रहे आंदोलन की जानकारी आज भी राजभवन को दी है।
आंदोलनरत छात्रों से वार्ता करने के लिए राज्यपाल/कुलाधिपति राम नाईक ने कुलपति से पांच छात्रों का नाम मांगा है। इस क्रम में कुलपति वार्ता में करने वाले पांच छात्रों का नाम पूछने धरनास्थल पर भी गए थे लेकिन छात्रों उन्हें पांच छात्रों के नाम नहीं उपलब्ध करा सके। आंदोलन में छात्रों को सभी संघों का समर्थन मिल रहा है। छात्रों के आंदोलन को अध्यापक, कर्मचारी व महाविद्यालय संघ ने लिखित समर्थन दिया है।