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यूपी की सबसे पुरानी बिजली उत्‍पादन की13 वीं इकाई को चालू करने में लगातार हो रही देरी

ओबरा परियोजना की 200 मेगावाट वाली 11 वीं इकाई तकनीकी कारणों से बंद हो गयी है। उक्त इकाई के बंद होने से ओबरा परियोजना के उत्पादन में कमी आई है। जिसका भारी खामियाजा उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम सहित प्रदेश सरकार को उठाना पड़ रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 05:15 PM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 05:15 PM (IST)
यूपी की सबसे पुरानी बिजली उत्‍पादन की13 वीं इकाई को चालू करने में लगातार हो रही देरी
200 मेगावाट वाली पांच इकाइयों में एक 13 वीं इकाई को चालू करने में लगातार देरी होते जा रही है।

जागरण संवाददाता, सोनभद्र। ओबरा तापीय परियोजना की सबसे पुरानी 200 मेगावाट वाली पांच इकाइयों में एक 13 वीं इकाई को चालू करने में लगातार देरी होते जा रही है। इकाई को लाइटप करने की तिथि लगातार बढ़ते जा रही है। इस इकाई को जुलाई के अंतिम सप्ताह में ही चालू किया जाना था, लेकिन लेटलतीफी के लिए कुख्यात रही यह जीर्णोद्धार योजना में तय समय पर काम पूरा होना संभव नहीं दिख रहा है। जिसका भारी खामियाजा उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम सहित प्रदेश सरकार को उठाना पड़ रहा है।

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इस इकाई के चालू होने से प्रदेश को सस्ते दरों पर प्रतिवर्ष 1480 मिलियन यूनिट से ज्यादा बिजली मिलनी है। फिलहाल बीएचईएल (भेल) द्वारा इकाई के लाइटप का प्रयास जारी है। इस इकाई को मार्च 2018 में अनुरक्षण और मरम्मत (आरएंडएम) के लिए बीएचईएल को सौंपा गया था। इस इकाई के आरएंडएम पूरा होने की तिथि जून 2019 रखी गयी थी, लेकिन बीते 14 अक्टूबर 2018 को हुए अग्निकांड में इस इकाई को भी नुकसान पहुंचा था। जिसके कारण इस इकाई के आरएंडएम पूरा होने की तिथि जून 2019 से बढ़ाकर मई 2020 करनी पड़ी। बाद में इसे एक माह पहले 15 अप्रैल 2020 तक सिंक्रोनाइज करने का लक्ष्य तय कर दिया गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण हुए लाकडाउन से एक वर्ष की और देरी हो गई। पुनः इस इकाई को अप्रैल 2021 में चालू करने का लक्ष्य रखा गया था।

अब सितंबर में इस इकाई के सिंक्रोनाइज होने की संभावना है। इस जीर्णोद्धार योजना में प्रदेश सरकार को लगभग एक हजार करोड़ का नुकसान झेलना पड़ चुका है। इस पांच इकाइयों के आरएंडएम की मूल लागत रुपए 1702.14 करोड़ थी। योजना का कार्य जीरो तिथि से 30 माह में 31 दिसंबर 2008 तक पूर्ण होना प्रस्तावित था। लेकिन 12 वर्ष बाद भी कार्य पूरा नहीं होने के कारण योजना की पुनरीक्षित लागत 958.75 करोड़ रुपये बढ़कर 2660.89 करोड़ तक पहुंच चुकी है। अभी तक चार इकाइयों का आरएंडएम पूरा होने के बाद उनसे उत्पादन जारी है।

200 मेगावाट वाली 11 वीं इकाई बंद

ओबरा परियोजना की 200 मेगावाट वाली 11 वीं इकाई तकनीकी कारणों से बंद हो गयी है। उक्त इकाई के बंद होने से ओबरा परियोजना के उत्पादन में कमी आई है। फिलहाल दिन में मांग कम होने के कारण मंगलवार दोपहर एक बजे ओबरा की 200 मेगावाट वाली नौवीं से 102 मेगावाट, दसवीं से 98 मेगावाट तथा बारहवीं इकाई से 90 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। उधर ओबरा जल विद्युत घर की दो इकाइयों से दिन में 58 मेगावाट उत्पादन जारी था।

13 वीं इकाई का आर एंड एम बीएचईएल द्वारा किया जा रहा

13 वीं इकाई का आर एंड एम बीएचईएल द्वारा किया जा रहा है। कुछ तकनीकी समस्याएं हैं जिसे दूर किया जा रहा है। संभावना है कि सितंबर माह के अंत तक इकाई को सिंक्रोनाइज कर दिया जायेगा।

- इ. दीपक कुमार, सीजीएम ओबरा तापीय परियोजना।


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