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वाराणसी में चार दिन पहले लिखी गई थी बेनियाबाग को शाहीन बाग बनाने की पटकथा

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर बेनिया में गुरुवार को हुए विरोध-प्रदर्शन की साजिश बीते सोमवार को वरुणा नदी किनारे शास्त्री घाट पर आयोजित धरना -प्रदर्शन में की गई थी।

By Edited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 01:49 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 03:54 PM (IST)
वाराणसी में चार दिन पहले लिखी गई थी बेनियाबाग को शाहीन बाग बनाने की पटकथा
वाराणसी में चार दिन पहले लिखी गई थी बेनियाबाग को शाहीन बाग बनाने की पटकथा

वाराणसी, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर बेनिया में गुरुवार को हुए विरोध-प्रदर्शन की साजिश बीते सोमवार को वरुणा नदी किनारे शास्त्री घाट पर आयोजित धरना -प्रदर्शन में की गई थी। पुलिस और जिला प्रशासन को खुफिया तंत्र से जानकारी मिली है कि बेनियाबाग को शाहीन बाग बनाने की साजिश रचने वालों में कांग्रेस की एक महिला नेत्री और माले के एक पदाधिकारी के साथ ही एक मुस्लिम नेता हैं। तीनों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बीते सोमवार को शास्त्री घाट पर नागरिक अधिकार सम्मेलन में स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव, पूर्व आइएएस कन्नन गोपी भी शामिल थे।

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सीएए और एनआरसी के विरोध में उन्होंने देश के 732 शहरों में शाहीनबाग की तरह आंदोलन करने की बात कही थी। सम्मेलन में माले से भी जुड़े लोग थे। खुफिया तंत्र भी पूरे आयोजन पर नजर रखे था। खुफिया तंत्र ने पुलिस और जिला प्रशासन को रिपोर्ट दी थी कि योगेंद्र यादव से माले, कांग्रेस व कुछ सामाजिक संगठनों के लोगों ने मुलाकात की है। इन लोगों ने जैतपुरा स्थित आजाद पार्क, बेनिया पार्क व एक अन्य स्थान पर शाहीन बाग जैसा आंदोलन करने की तैयारियों पर चर्चा की है। बाहर से भी लोगों को बुलाने की तैयारी है ताकि लोगों को बताया जा सके पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में भी सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध-प्रदर्शन चल रहा है। साजिश रची गई कि पीएम फरवरी में अगर वाराणसी आते हैं तो उस दौरान भी धरना-प्रदर्शन किए जाए। प्रदर्शनकारियों को हर सुविधा दिलाने को लेकर भी बात हुई।

- धरना के बदले रुपया पुलिस के अनुसार बेनियाबाग में कांग्रेस की नेता सृष्टि कश्यप के साथ ही माले के मनीष शर्मा, अनूप श्रमिक और अम्मार इकबाल से जुड़े लोगों ने ही धरने पर बैठने के लिए लोगों को उकसाया था। बेनिया में बिना अनुमति धरना-प्रदर्शन में शामिल लोगों को धरने पर बैठने के बदले रुपये देने की बात भी हुई थी। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में इसका खुलासा हुआ है।

-बच्चों संग आने की थी हिदायत धरने में शामिल महिलाओं को अपने छोटे बच्चों के साथ आने की हिदायत दी गई थी। धरना दिलाने वालों को मालूम था कि धारा 144 का उल्लंघन करने के मामले में पुलिस मौके पर पहुंचेगी। मुस्लिम बाहुल्य इलाका होने के कारण धरने के लिए इस स्थान को चुना गया ताकि पुलिस-प्रशासन कोई कार्रवाई करे तो लोग विरोध करें। पुलिस अगर लाठीचार्ज करती है तो फिर प्रदर्शनकारियों के लिए बच्चे ही ढाल बनें। -मोदी की सभा को लेकर अलर्ट पीएम मोदी 15 फरवरी को दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी आ रहे हैं। शहर को परियोजनाओं की सौगात देने के साथ ही पीएम एक जनसभा भी करेंगे। सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे विरोधी दल से जुड़े लोग विरोध-प्रदर्शन कर सकते हैं। मोदी की सभा में खलल डालने के लिए अन्य शहरों से भी लोग बुलाए जा रहे हैं। बीएचयू को लेकर भी खुफिया तंत्र ने पुलिस-प्रशासन को अलर्ट किया है।

- कच्ची बाग के आजाद पार्क में प्रदर्शन के लिए हो रही थी फंडिंग  

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बेनियाबाग में गुरुवार को हुए विरोध प्रदर्शन और पथराव को लेकर डीएम कौशल राज शर्मा ने चौंकाने वाले खुलासे किए है। बेनियाबाग के धरने में शामिल होने वालों को किसी आरिफ नाम के शख्स ने फंडिंग की थी। गिरफ्तार लोगों में से दो लोगों के बैंक खाते में रुपये आए थे। गिरफ्तार लोगों से हुई पूछताछ में यह बात सामने आई है कि 30 जनवरी को कच्ची बाग में भी सीएए और एनआरसी को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी चल रही है। कुछ लोगों ने इसके लिए फंडिंग की है। अनाज व अन्य सामान जुटाए जा रहे हैं। हैरत की बात यह कि बेनियाबाग में हुए प्रदर्शन और आने वाले दिनों में विरोध की तैयारी को लेकर एक मुस्लिम धर्म गुरु के साथ ही सिख समुदाय से जुड़े एक परिवार का नाम सामने आया है। इनकी भूमिका की जाच कराई जा रही। बेनियाबाग में पुलिस पर पथराव करने वालों में कुछ स्थानीय दुकानदार भी शामिल थे। इनकी शिनाख्त कराई जा रही है। सभी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।


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