लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बाबतपुर में पर्यटकों को बाहर करने का भी चलता है कमीशन
लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आने वाले देसी-विदेशी पर्यटकों के साथ ठगी हो रही है।
वाराणसी, जेएनएन। लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आने वाले देसी-विदेशी पर्यटकों के साथ ठगी हो रही है। चालक सिर्फ एयरपोर्ट के अंदर से बाहर करने के नाम पर 300 से 400 रुपये लेते हैं। एयरपोर्ट पर पंजीकृत टैक्सी वाहनों के साथ चोरी-छिपे डग्गामार वाहन भी शामिल हैं। विमान आने के साथ एयरपोर्ट के आगमन गेट पर वाहन चालकों की भीड़ जुट जाती है। बाहर निकलने वाले यात्रियों के मना करने के बावजूद चालक उनके पीछे लगे रहते हैं। वे अपनी गाड़ी में जबर्दस्ती बैठाने के लिए हाथ खींचते हैं। जब तक पर्यटक कोई वाहन नहीं कर लेते हैं। सब कुछ देखने के बावजूद वहां मौजूद सुरक्षा कर्मी मूकदर्शक बने रहते हैं।
एयरपोर्ट पर यात्री को वाहन में बैठाने के बाद कार चालक उसे लेकर बाहर निकलते हैं। बाहर निकलने के बाद एयरपोर्ट के गेट पर या राष्ट्रीय राजमार्ग-56 के पास उस यात्री को दूसरे वाहन में यह कहते हुए बैठा देते हैं कि इस गाड़ी में खराबी आ गई है। इसे बनवाना पड़ेगा। आप दूसरे वाहन में बैठ जाइए। यह पूरी सेटिंग पहले से रहती है, जो वाहन चालक एयरपोर्ट के अंदर से यात्री बैठाकर बाहर लाता है। वह बाहर खड़े वाहन चालक को यात्री सौंपकर अपना तीन से चार सौ रुपये (दूरी के अनुसार अधिक व कम) कमीशन के रूप में लेता है। क्योंकि बाहर खड़े वाहन एयरपोर्ट के अंदर रजिस्टर्ड नहीं रहते हैं।
एक यात्री की कर दी गई थी हत्या
सितंबर-2017 में लंका थाना क्षेत्र के डाफी गांव निवासी राजेंद्र प्रसाद पाल का शव रोहनिया थाना क्षेत्र के गंगापुर के सुईचक गांव में एक खेत में मिला था। इस हत्या का खुलासा करने में पुलिस को नाको चने चबाने पड़े थे। बता दें कि राजेंद्र प्रसाद पाल सऊदी अरब में एक फैक्ट्री में काम करते थे। छह सितंबर-2017 को एक निजी एयरलाइंस के विमान से वाराणसी एयरपोर्ट पर उतरे थे। एयरपोर्ट से चालक उसे घर पहुंचाने की बजाय रास्ते में उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने हत्यारे चालकों को गिरफ्तार करने के साथ ही मृतक का सामान भी बरामद किया था।
पर्यटकों का गायब करते हैं सामान
चालक पर्यटकों का सामान गाड़ी में रखने के साथ उतारने के दौरान पूरा नहीं उतारते हैं। वे एक-दो सामानों को गाड़ी में छोड़ देते हैं। पर्यटक को उतारने के साथ वे तेजी से चलते बनते हैं। इसके बाद वे खोजने पर भी नहीं मिलते हैं।
साहब की शह पर खड़े रहते हैं चालक
मामले की जब पड़ताल की गई तो पता चला कि वहां पर कोई चालक खड़ा नहीं हो सकता लेकिन, दस्तूरी चुकता करने के बाद उसे वहां से भगाया नहीं जाता। उन्हें यात्रियों को पकडऩे की पूरी छूट होती है। बता दें कि आगमन गेट पर हमेशा सीआइएसएफ के जवानों की तैनाती रहती है और यह पूरा मामला जवानों के सामने ही होता है। कुछ समय खानापूर्ति के लिए जवानों द्वारा चालकों को वहां से हटा दिया जाता है लेकिन, अक्सर ही गेट पर कार चालकों की भीड़ रहती है।
सीआइएसएफ जवान और सिपाही में जमकर हुई थी झड़प
कुछ दिन पूर्व वाहन चालकों के मामले को लेकर बाबतपुर पुलिस चौकी के एक सिपाही तथा सीआइएसएफ जवान में जमकर झड़प हुई थी। दोनों जवानों ने एक दूसरे को देख लेने की धमकी भी दे डाली। बाद में किसी तरह मामले को रफा-दफा किया गया। पूछने पर कुछ चालकों ने यह भी बताया कि एयरपोर्ट पर चलने वाले डग्गामार वाहनों की पूरी लिस्ट तैयार है। एयरपोर्ट पर चलने के एवज में साहब को खर्च भी दिया जाता है।
बोले अधिकारी
सीआइएसएफ जवान सुरक्षा के लिए तैनात होते हैं। चालकों के खिलाफ कार्रवाई स्थानीय पुलिस या एयरपोर्ट अथारिटी की है। -सुब्रता झा, कमांडेट सीआइएसएफ