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Heart Care : ठंड आ रही है, दिल संभाल कर रखिए, अन्‍यथा दिल पर हो सकता है मौसम का प्रभाव

मौसम अब धीरे-धीरे ठंड की ओर बढ़ रहा है। दिन में तेज धूप तो रात में गुलाबी ठंड और शाम से लेकर सुबह तक खुले में निकले तो शीत नुकसान पहुंचा सकती है। कहते हैं दिन में तेज धूप हो तो उससे बचें और रात में एसी-कूलर न चलाएं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 09:43 AM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 09:51 AM (IST)
कोरोना काल में हृदय रोगी वैसे ही नियमित चेकअप का शेड्यूल बिगाड़ चुके हैं।

वाराणसी [प्रमोद यादव]। ठंड और उससे भी पहले मौसम का संक्रण काल स्वास्थ्य के प्रति अतिरिक्त सावधानी मांगता है। इसमें खास कर हृदय रोगियों को कुछ अधिक ही एहतियात की जरूरत होती है। दरअसल, ठंड बढ़ने पर रक्तवाहिकाओं में सिकुड़न से दिक्कत बढ़ सकती है। हालांकि मौसम अब धीरे-धीरे ठंड की ओर बढ़ रहा है। दिन में तेज धूप तो रात में गुलाबी ठंड और शाम से लेकर सुबह तक खुले में निकले तो शीत नुकसान पहुंचा सकती है। एेसे में चिकित्सक अभी से अलर्ट कर रहे हैं। कहते हैं, दिन में तेज धूप हो तो उससे बचें और रात में एसी-कूलर न चलाएं। शरीर को अभी से मौसम के साथ एडजस्ट करें तभी स्वस्थ रहेंगे। वरिष्ठ फिजीशियन डा. पीके तिवारी के अनुसार देश भर में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ रही है। कोरोना काल में हृदय रोगी वैसे ही नियमित चेकअप का शेड्यूल बिगाड़ चुके हैं। अतः अब अधिक सावधान रहते हुए हृदय संबंधित सभी जांच करा कर दवाएं अपडेट करा लें।

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आंकड़ों के अनुसार हाल के वर्षों में 30 साल से अधिक आयु के युवाओं में भी अनियमित दिनचर्या, असंतुलित खानपान और इससे संबंधित खराब आदतों के कारण हृदय रोग का खतरा बढ़ गया है। पांच वर्ष में हृदय रोग से पीड़ितों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। इनमें ज्यादातर 30 से 50 वर्ष उम्र वर्ग के पुरुष-महिलाएं हैं।

दरअसल, भागमभाग भरी दिनचर्या के कारण लोगों के पास अपने तन-मन शांत व स्वस्थ रखने का समय नहीं है। इससे तमाम बीमारियां सामने आ रही हैं। अतः सभी को उच्च रक्तचाप को गंभीरता से लेना चाहिए। हृदय रोग से पीड़ित हैं तो डाक्टर के पास जाएं। उसे अपनी समस्या बेझिझक बताएं और जरूरी जांच अवश्य कराएं। खानपान के लिए डायटीशियन से लिस्ट बनवा कर उसका पालन करें।

हृदय रोग के लक्षण : विशेष परिस्थितियों को छोड़ कर हृदय रोग के लक्षणों में सीने में दर्द, जलन, जल्दी सांस फूलना, आंखों के सामने अंधेरा छाना आदि। वास्तव में यह बीमारी दबे पांव जरूरआती है लेकिन हृदयाघात अचानक हो जाता है। इसलिए लक्षण को पहचानें और तत्काल सरकारी या निजी अस्पताल में कार्डियोलाजिस्ट से संपर्क करें।

सरकारी अस्पतालों में भरपूर सुविधा : परामर्श व जांच के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल का हृदय रोग विभाग तो सबसे मुफीद है, लेकिन शिवप्रसाद गुप्त अस्पताल या पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल की ओपीडी अथवा एनसीडी क्लीनिक में सलाह ले सकते हैं। मंडलीय व दीनदयाल अस्पताल में ज्यादातर जांच भी मुफ्त हो जाएगी।

खुद डाक्टर न बनें : यदि हृदय रोग से पीड़ित हैं तो ध्यान रखें कि आपके पास इससे संबंधित दवाइयां उपलब्ध हों। जरूरत अनुसार अतिरिक्त दवा रखें। ध्यान देने की जरूरत है कि आप दवा डाक्टर की सलाह से ही लें। बिना उनकी सलाह के न तो दवा लें और न ही बंद करें।

व्यायाम व स्वस्थ खानपान पर दें ध्यान : हृदय रोग से बचने के लिए न्यूनतम आधे घंटे योगाभ्यास या व्यायाम अवश्य करें। सुबह या शाम अवश्य टहलें। नमक, चीनी और ट्रांस फैट वाली चीजें खाने से बचें। नाश्ता और भोजन, ताजे फल व सब्जियों का भरपूर उपयोग करें। घर का बना ताजा व संतुलित भोजना करें। ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिये दिनचर्या में इस तरह बदलाव लाएं कि हृदय रोग से बचा जा सके। इसके लिए जागरूक रहें। रात में जल्दी सोएं, सुबह जल्दी उठें, उम्र के हिसाब से सुबह उठ कर योग करें, टहलें, खेलें, व्यायाम करें।

इन्हें कहें ना : फास्ट फूड, जंक फूड समेत बाजार के पैकेट बंद खाने का लालच त्याग दें। हृदय रोग की गंभीरता समझते ऐसा आहार चुनें जो पूरे शरीर के लिए पौष्टिक हो। तंबाकू चबाने, सिगरेट का धुआं उड़ाने और शराब के पैग लड़ाने से बचें, इससे दिल की बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है।


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