Varanasi Airport पर 30 लाख में बन रहा कोल्ड चैंबर, सब्जियों के आयात-निर्यात में होगी सुविधा
वाराणसी एयरपोर्ट पर कोल्ड चैंबर का निर्माण शुरू हो गया है। सब्जियों के आयात-निर्यात में वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कोल्ड चैंबर का निर्माण शुरू हो गया है। कोल्ड चैंबर बनने के साथ वाराणसी एयरपोर्ट से सब्जियों के आयात-निर्यात में वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि सब्जियों के आयात-निर्यात में तेजी से बढ़त देखी जा रही है, ऐसे में कोल्ड चैंबर बनाने की जरूरत पड़ी।
वाराणसी समेत पूर्वांचल की सब्जियों को खाड़ी देशों में भेजने की तैयारी वर्ष 2018 से ही चल रही है। कई बार सब्जियों को विदेश भेजा भी गया लेकिन कोल्ड चैंबर न होने के चलते सब्जियों को एयरपोर्ट पर रखना संभव नहीं था और गर्मी में सब्जियां खराब हो जाती हैं। कार्गो कारोबार से जुड़े लोग सब्जियों का आयात-निर्यात करते हैं, उनकी सब्जियों को तत्काल हवाई जहाज से भेजा जाता है। कोल्ड चैंबर का निर्माण होने के बाद हरी सब्जियों के साथ मीट या मांस का भी आयात निर्यात हो सकेगा। कार्गो महाप्रबंधक काशीनाथ यादव ने बताया कि कोल्ड चैंबर के निर्माण में करीब 30 लाख खर्च किए जाएंगे। इसमें नए उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे एक-दो दिन तक सब्जियां खराब नहीं होंगी। स्टोर की क्षमता पांच टन रहेगी और यह नवंबर तक तैयार हो जाएगा।
प्रतिबंधित क्षेत्र में वाहन पार्किंग, बोर्ड लगाकर भूल गए अफसर
बाबतपुर लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पश्चिमी छोर स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रतिबंधित जोन में रोज कई वाहन खड़े होते हैं, फिर भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। एयरपोर्ट अधिकारी कहते हैं कि पुलिस को वाहन खड़ा कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इसके लिए कई बार कहा भी गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पूर्व में हुई बैठक में जिला प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में यह निर्णय लिया गया था कि प्रतिबंधित क्षेत्र में वाहन पार्किंग करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रतिबंधित क्षेत्र हाईवे पर वाहन पार्किंग के चलते कोई भी संदिग्ध व्यक्ति एयरपोर्ट परिसर में प्रवेश करने के साथ बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है। इसको लेकर एयरपोर्ट पर कार्यरत खुफिया एजेंसियां मुख्यालय रिपोर्ट तक भेज चुकी हैं। एयरपोर्ट पर होने वाली सुरक्षा बैठकों में भी कई बार यह मुद्दा उठ चुका है। प्रतिबंधित क्षेत्र में वाहन पार्किंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का भी निर्णय लिया गया लेकिन महज जुर्माना का बोर्ड लगाकर अधिकारी भूल गए।