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शहीदों के ताबूत काे लोगों ने बना लिया बेंच, श्‍मशान घाट पर दिखता यही बाकी निशां

गाजीपुर जिले में अंतिम संस्कार के लिए आने वाले शहीदों के शव के ताबूत न सिर्फ लावारिस हाल में पड़े हुए हैं बल्कि लोग उनका बेंच की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 08:39 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 08:39 PM (IST)
शहीदों के ताबूत काे लोगों ने बना लिया बेंच, श्‍मशान घाट पर दिखता यही बाकी निशां

गाजीपुर (जेएनएन) । शहीदों की भूमि कही जाने वाली गाजीपुर की धरती पर ही उनका अपमान हो रहा है। इसे देखा जा सकता है अति प्राचीन श्मशान घाट पर। यहां अंतिम संस्कार के लिए आने वाले शहीदों के शव के ताबूत न सिर्फ लावारिस हाल में पड़े हुए हैं बल्कि लोग उनका बेंच की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। जिन्होंने देश की सीमा पर दुश्मनों से रक्षा करते हुए अपनी जान गवां दी, उनके ताबूत का यह हाल देश का अपमान नहीं तो और क्या है। जिला प्रशासन व श्मशान घाट व्यवस्थापक की चुप्पी समझ से परे है।  

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जिले के हजारों जवान आर्मी या अर्धसैनिक बल में शामिल होकर देश सेवा में लगे हुए हैं। शायद ही कोई ऐसा साल गुजरता हो जब यहां के जवानों की कहीं न कहीं शहादत न होती हो। उनका शव उनके पैतृक गांव आता है और यहां सैनिक सम्मान के साथ उनके धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाता है। ज्यादातर शहीदों का अंतिम संस्कार गंगा किनारे स्थित अति प्राचीन श्मशान घाट पर ही होता है। जब शहीदों की शवयात्रा निकलती है तो गांव ही नहीं पूरा जनपद उनके सम्मान में उमड़ पड़ता है श्रद्धांजलि देने के लिए। हालांकि यह जुनून यहां से जाने के बाद ही खत्म सा हो जाता है। फिर लोग उन वीर शहीदों का भुला देेेते हैं और अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में लग जाते हैं। और तो और अंतिम संस्कार के बाद शहीदों के ताबूत श्मशान घाट पर ही छोड़ दिया जाता है। इसके बाद उसे लोग बेंच की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। बहुत से लोगों को तो यह भी पता नहीं कि यह किसी शहीद का ताबूत है जिसकी शहादत पर देश का तिरंगा भी नाज करता है। जिसे पता भी होता है तो वह इसे नजरअंदाज कर देता है। आज भी श्मशान घाट पर कई ताबूत बेतरतीब बिखरे मिल जाएंगे। 

बोले जिलाधिकारी : शहीदों का शव आर्मी या अर्धसैनिक बल के लोग उनके परिवार को सुपुर्द कर देते हैं। उनका अंतिम संस्कार परिवार के लोग ही करते हैं। अगर शहीदों के ताबूत का इस तरह प्रयोग हो रहा है तो हम इस संबंध में सेना व अर्धसैनिक बल से बात करेंगे। इसके साथ श्मशान घाट पर अधिकारियों को भेजकर उसकी जांच भी कराएंगे। शहीदों के ताबूत का अपमान नहीं होने दिया जाएगा। - के. बालाजी, जिलाधिकारी। 


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