Climate Change : अस्सी घाट पर पर्यावरण संरक्षण के लिए काशी दिखाएगी एकजुटता
पुराना अस्सी घाट पर शाम पांच बजे से पर्यावरण संरक्षण के लिए समाजसेवियों और पर्यावरण प्रेमियों की जुटान हो रही है।
वाराणसी, जेएनएन। पुराना अस्सी घाट पर शाम पांच बजे से पर्यावरण संरक्षण के लिए समाजसेवियों और पर्यावरण प्रेमियों की जुटान हो रही है। इस मौके पर काशी ही नहीं बल्कि देश में बदल रहे पर्यावरण को लेकर चिंतन मनन के साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा के लिए विशेषज्ञों संग विचार विमर्श भी होगा। अभियानकर्ता एकता शेखर के अनुसार पर्यावरण बचाने की मुहिम के लिए यह छोटा सा प्रयास भर है जिसके मकसद को असली जगह पहुंचाने से ही आने वाली पीढियों को प्रकृति के कोप से बचाया जा सकता है।
बताया कि जनवरी 2003 को स्वीडेन में जन्मी ग्रेटा थंबर्ग ने अपनी छोटी सी उम्र में पर्यावरण संरक्षण के लिए दुनिया भर में जारी संघर्ष को एक नया आयाम दिया है। उन्होंने यह दिखाया है कि पर्यावरण बचाने की लड़ाई केवल वयस्कों, विशेषज्ञों और प्रोफेशनलों की लड़ाई मात्र नहीं है। हर वर्ग, हर उम्र और हर प्रकार की समझ के लोगों को एक साथ आना होगा। समझाने की कोशिश की गई है कि बच्चों को पढ़ने लिखने अच्छे स्कूलों में भेज पाने लायक होकर मां बाप के मन में जो संतोष का भाव जगता है, वो नितांत अधूरा है। नयी पीढी को अगर वास्तव में हमसे कुछ चाहिए तो वो हमसे इस बात की गारंटी लेना ही पसंद करेगी कि हम पृथ्वी उनके लिए वैसी ही छोड़ जायेंगे जैसी हमें अपने पूर्वजों से मिली थी। ग्रेटा 'fridays for future' नामक अभियान चला रही हैं, और दुनिया भर से सभी को इसमे जुड़ने का आह्वान कर रही हैं।
शुक्रवार को वे अपने स्कूल नहीं जातीं, और स्वीडेन की संसद के बाहर बैठ कर जन प्रतिनिधियों के पर दबाव बना रही हैं ताकि पर्यावरण के हित में फैसले लिए जा सकें। ग्रेटा ने इसे स्कूल स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट का नाम दिया है। आज शुक्रवार को उन्होंने बच्चों के साथ साथ वयस्कों को भी इस मुहिम में शामिल होने का आह्वान किया है। इसी आह्वान को अपना समर्थन देते हुए बनारस में कुछ साथी, अस्सी घाट पर शाम 5 बजे जुटेंगे। एक घंटे तक हस्ताक्षर अभियान के साथ इस मुहिम को आगे बढाने की संभावित रणनीति पर चर्चा भी की जाएगी।
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