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दागी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को दे दी क्लीन चिट, इंस्पेक्टर और दारोगा सस्पेंड

जेल में बंद पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को फोन पर फर्नीचर कारोबारी को धमकाने के मामले में सुबूतों की अनदेखी करते हुए विवेचक ने क्लीन चिट दे दी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 09:56 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 05:00 AM (IST)
दागी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को दे दी क्लीन चिट, इंस्पेक्टर और दारोगा सस्पेंड
दागी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को दे दी क्लीन चिट, इंस्पेक्टर और दारोगा सस्पेंड

वाराणसी [अंकुर त्रिपाठी] । दुष्‍कर्म के आरोप में जेल में बंद पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को फोन पर बनारस के फर्नीचर कारोबारी को धमकाने के मामले में सुबूतों की अनदेखी करते हुए विवेचक ने क्लीन चिट दे दी। चार्जशीट से नाम निकाल दिया जबकि मंत्री के खिलाफ नामजद केस दर्ज है। पता चला तो एसएसपी ने शनिवार रात दशाश्वमेध के थाना प्रभारी और विवेचक को निलंबित कर दिया। प्रकरण में एसपी सिटी और सीओ की भूमिका की जांच होगी।

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जंगमबाड़ी मुहल्ला निवासी फर्नीचर कारोबारी अरविंद तिवारी की शिकायत पर 30 जून को दशाश्वमेध थाने में लखनऊ जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ फोन पर धमकी देकर बालू टेंडर में कमीशन मांगने का केस लिखा गया था। ऐतराज करने पर पूर्व मंत्री ने धमकी दी कि जल्द ही नतीजा सामने आ जाएगा। दशाश्वमेध थाने के तत्कालीन उपनिरीक्षक मनोज कुमार पांडेय ने विवेचना शुरू करने के आठ दिन के भीतर पूर्व मंत्री के दो करीबियों मान सिंह रावत तथा अभिषेक तिवारी को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। दोनों को बनारस जिला जेल भेजा गया। 

तब एसपी सिटी दिनेश सिंह ने दावा किया था कि जेल से पूर्व मंत्री गायत्री ने ही कारोबारी अरविंद को धन उगाही के लिए फोन पर धमकी दी थी। जेल से कॉल करने में इस्तेमाल सिम पूर्व मंत्री के करीबी मान सिंह रावत की पत्नी के नाम था। पुलिस ने मान सिंह के कब्जे से डायरी में टूटा सिम भी बरामद किया था। 

दागी को बचाने में साक्ष्यों की अनदेखी : जिन साक्ष्यों के आधार पर दो गिरफ्तारी के साथ ही पूर्व मंत्री गायत्री को बी वारंट पर लखनऊ से बनारस जेल लाने का प्रयास किया जा रहा, उन सुबूतों की अनदेखी करते हुए नए विवेचक जयप्रकाश ने नामजद आरोपी गायत्री को क्लीन चिट दे दी। चार्जशीट में उसका नाम ही नहीं शामिल किया। इस पर तत्कालीन सीओ दश्वाश्वमेध अभिनव यादव ने आपत्ति जताते हुए चार्जशीट वापस कर दी। दैनिक जागरण से पुलिस के इस खेल का पता चलने पर एसएसपी ने शनिवार रात सच्चाई पता की, फिर थाना प्रभारी बालकृष्ण शुक्ल और विवेचक जयप्रकाश को निलंबित कर दिया। एसएसपी ने कहा कि एसपी सिटी दिनेश सिंह और पूर्व सीओ अभिनव यादव की भूमिका की जांच होगी क्योंकि उन्होंने एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों को अंधेरे में रखा। 

बोले एसएसपी : जांच में मिले सुबूतों को दरकिनार कर चार्जशीट से आरोपी पूर्व मंत्री का नाम निकालने पर दशाश्वमेध थाना प्रभारी तथा विवेचक को निलंबित किया गया है। एसटी सिटी और सीओ की भूमिका की जांच होगी।' -आनंद कुलकर्णी, एसएसपी। 


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