बोले मेडिसिन विभाग-बीएचयू के असिस्टेंट प्रोफेसर, सरकार की निगरानी में हैं चीन से आने वाले नागरिक
पिछले 28 दिनों के भीतर चीन की यात्रा कर लौटे नागरिकों की एयरपोर्ट पर ही थर्मल स्कैनिंग की जा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। पिछले 28 दिनों के भीतर चीन की यात्रा कर लौटे नागरिकों की एयरपोर्ट पर ही थर्मल स्कैनिंग की जा रही है। इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आइडीएसपी) के तहत सभी की जिओ टैगिंग की गई है। उनके स्वास्थ्य संबंधी हर तरह की जानकारी सरकार के पास है, जिनके माध्यम से उनकी निगरानी की जा रही। यह कहना है बीएचयू स्थित मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. अभिषेक पांडेय का। दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हैलो डाक्टर में उन्होंने पाठकों की जिज्ञासाएं सुनीं और उचित परामर्श दिए।
बताया थर्मल स्कैनिंग में जिस भी नागरिक में कोरोना से संबंधित लक्षण दिख रहे हैं, उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर लिया जा रहा है। उनके ब्लड सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे जा रहे हैं। कोरोना की पुष्टि होने पर आइसोलनेशन वार्ड में मरीज के स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की निगरानी की जा रही है। हालांकि अब तक भारत में कोरोना वायरस के केवल तीन मामले ही पुष्ट हुए हैं। वहीं दूसरी ओर लक्षण न मिलने पर भी चीन से लौटने वालों को अगले कुछ दिनों तक परिवार के सदस्यों से दूरी बनाकर रहने व पब्लिक के बीच न जाने की हिदायत दी जा रही है। बहुत जरूरी होने पर ऐसे लोग अनिवार्य रूप से मास्क लगाने के बाद ही बाहर निकल सकते हैं। इस बीच स्वास्थ्य संबंधी परेशानी महसूस होने पर उन्हें टोल फ्री नंबर -011-23978096, 1800 180 5145 पर काल करने या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर रिपोर्ट करने की सलाह दी गई है।
अब तक 20,471 मामले आए सामने
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कोरोना का पहला मामला 31 दिसंबर 2019 को चीन के वुहान प्रांत में दर्ज हुआ था। 4 फरवरी 2020 तक चीन में कोरोना के 20,471, जापान में 20, सिंगापुर में 18, जर्मनी में 12, यूएसए में 11, भारत में तीन, नेपाल व श्रीलंका में 1-1 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें सिर्फ चीन में ही 425 मौतें हुई हैं। समग्र रूप से देखा जाए तो मौतों का आंकड़ा महज 2.07 फीसद ही है।
कोरोना वायरस के लक्षण
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सबसे पहले सांस लेने में दिक्कत, गले में दर्द, जुकाम, खांसी, बुखार व बदन दर्द होता है। इसके बाद यह निमोनिया का रूप ले सकता है, जो किडनी संबंधी कई तरह की दिक्कतों को बढ़ा सकता है।
ऐसे करें अपना बचाव
- चीन की यात्रा से लौटे लोग यदि सर्दी-खांसी से पीडि़त हैं तो उनसे हाथ न मिलाएं। खांसने-छींकने वालों से कम से कम तीन फीट की दूरी बना लें, तो भी संक्रमण की आशंका नहीं होगी। घर पहुंचने पर हाथ को अच्छी तरह साबुन से धूल लें। यदि आप पिछले 28 दिनों के भीतर चीन की यात्रा करके लौटे हैं और पूरी तरह स्वस्थ्य हैं तो भी बाहर निकलते समय मास्क लगाएं। खांसते-छींकते समय मुंह पर रुमाल या टीश्यू पेपर जरूर लगाएं।
जोखिम कम करने का हो रहा प्रयास
- कोरोना वायरस से बचाव को लेकर अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है। इसलिए डाक्टर जोखिम को कम करने के लिए अन्य महत्वपूर्ण दवा का प्रयोग कर आइसोलेशन वार्ड में उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं। कोरोना वायरस अगर लंबे समय तक अपना प्रभाव बनाए रखने में सफल हो जाए या घातक स्तर पर पहुंच जाए तो जान के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
इन्होंने पूछे सवाल -
- कोरोना के फैलने का क्या कारण है, इसे कैसे रोका जाए। -केशव यादव, मंडुआडीह
- किसी भी वायरस के पनपने के लिए एजेंट, होस्ट और वातावरण की जरूरत होती है। यह नए तरह का वायरस है। भारत में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर बाहर से आने वालों की थर्मल स्कैनिंग कर संक्रमित व्यक्ति का पता लगाया जा रहा है, ताकि अपने देश में इसका प्रसार रोका जा सके।
- क्या चीन से आने वाले सामनों को छूने से भी कोरोना फैलने की आशंका है। -श्याम प्रसाद, लक्ष्मीनगर कालोनी
- वायरस किसी सामग्री पर रहे तो वह लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकता। अभी तक ऐसी कोई स्टडी नहीं आई है, जो यह साबित करे कि इस तरह वायरस फैल सकता है।
- कोरोना का लक्षण क्या है।-सेनापति ओझा, शिवपुरी कालोनी
- जो चीन से आया है अथवा चीन से आने वालों के संपर्क में रहा है, यदि 28 दिन के भीतर सर्दी-जुकाम, बुखार हो तो कोरोना के लक्षण हो सकते हैं।
- कोरोना इतनी तेजी से कैसे फैल रहा और चीन से यहां कैसे आया। -नीलम चौरसिया, नाटीइमली
- यह संक्रमण वाली बीमारी है, जो सांस के जरिए फैल सकती है। चीन से जब कोई संक्रमित व्यक्ति अन्य देश जाता है तो वहां भी संक्रमण फैल सकता है। भारत में अब तक केवल तीन केस की पुष्ट हुए हैं। खांसते-छींकते समय मुंह पर रुमाल रखें व कोई खांसें तो तीन फीट की दूरी बना लें। इससे संक्रमण आशंका नहीं रहेगी।