काशी विद्यापीठ उर्दू विभाग की नियुक्तियों का प्रकरण सीआइडी के हवाले, राजभवन से विस्तृत जांच का आदेश
राजभवन से पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए उर्दू विभाग में हुई नियुक्तियों का प्रकरण सीआइडी के हवाले कर दिया है। ऐसे में नियुक्तियों की फाइल जल्द खुलने की संभावना है।
वाराणसी, जेएनएन। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में करीब ढाई साल पहले उर्दू विभाग में हुई अध्यापकों की नियुक्तियों को लेकर खलबली मची हुई है। हालांकि राजभवन के आदेश पर विद्यापीठ प्रशासन ने उर्दू विभाग में हुई तीनों अध्यापकों की नियुक्तियां निरस्त कर दी है। यही नहीं राजभवन से पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए उर्दू विभाग में हुई नियुक्तियों का प्रकरण सीआइडी के हवाले कर दिया है। ऐसे में नियुक्तियों की फाइल जल्द खुलने की संभावना है।
फिलहाल विद्यापीठ प्रशासन वर्ष-2018 में उर्दू विभाग सहित आठ विभागों में हुई 17 अध्यापकों की नियुक्तियों की फाइलें सील करा कर सुरक्षित रख दी है। ताकि साक्ष्य के साथ कोई छेड़छाड़ न हो सके। दूसरी ओर उर्दू विभाग विभाग में अनियमित नियुक्तियों को लेकर विश्वविद्यालय के तत्कालीन आइक्यूएसी की भूमिका पर भी सवाल उठ रहा है। किन परिस्थितियों में आइक्यूएसी ने अपने ही बनाए गए एकेडमी परफार्मेंस इंडेक्स (एपीआइ) के नियम को पलट दिया। पहले आइक्यूएसी ने ही 50 अंक से कम एकेडमी परफार्मेंस इंडेक्स (एपीआइ) वाले अभ्यर्थी को साक्षात्कार में न बुलाने का निर्णय लिया था। बाद में 45 एपीआइ अंक वाले अभ्यार्थियों को आइक्यूसी से साक्षात्कार में बुलाने की संस्तुति प्रदान कर दी। वहीं ऐसे अभ्यर्थी चयनित भी हो गए। चयनति होने के कारण आइक्यूएसी जांच के जद में आ गई है। बहरहाल यह जांच का विषय है। जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। वही कुलपति प्रो. टीएन ङ्क्षसह का कहना है कि सीआइडी जांच के लिए राजभवन से ही पत्र जा चुका है। सीआइडी कभी भी जांच शुरू कर सकती है। नियुक्ति संबंधी सभी पत्रावलियां सुरक्षित हैं। सीआइडी के मांगने पर उसे सौंप दी जाएगी।
सभी नियुक्तियों का होगा परीक्षण
वर्ष 2018 में उर्दू, वाणिज्य, अंग्रेजी, विधि, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, मैथ, मनोविज्ञान व ललित कला विभाग में हुई 17 अध्यापकों की नियुक्तियां हुई थी। तीन अध्यापकों की नियुक्तियों की जांच जहां सीआइडी करेंगी। वहीं उर्दू विभाग को छोड़ कर सात विभागों में 14 अध्यापकों की नियुक्तियांं का भी दोबारा परीक्षण कराया जाएगा। कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल इसके लिए कुलपति की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित करने का भी आदेश दिया है। इसमें उच्च शिक्षा निदेशालय के (प्रयागराज) व बीएचयू के किसी एक प्रोफेसर को सदस्य बनाने का निर्देश दिया गया है।