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काशी हिंदू विश्वविद्यालय : चिराग पासवान ने उठाए बीएचयू कुलपति की कार्यप्रणाली पर सवाल

नियुक्तियों में अनियमितता व हिंदी भाषी अभ्यर्थियों संग भेदभाव का मुद्दा ठंडा भी नहीं हुआ कि बीएचयू प्रशासन पर नए आरोप लगे हैं।

By Edited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 02:28 AM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 09:01 AM (IST)
काशी हिंदू विश्वविद्यालय : चिराग पासवान ने उठाए बीएचयू कुलपति की कार्यप्रणाली पर सवाल

वाराणसी, जेएनएन। नियुक्तियों में अनियमितता व हिंदी भाषी अभ्यर्थियों संग भेदभाव का मुद्दा ठंडा भी नहीं हुआ कि बीएचयू प्रशासन पर नए आरोप लगे हैं। ताजा मामले में लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए कार्रवाई की मांग की है। इसकी प्रतिलिपि उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक सहित कुलपति को भी भेजी है। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति ने महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा बनवाए गए शिक्षक आवास को ध्वस्त करने की सुनियोजित योजना बनाई है।

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ये सभी भवन सनातन धर्म, वास्तु व धर्मशास्त्र के गहन अध्ययन के बाद बनवाए गए थे, ताकि शिक्षक, गैरशिक्षण कर्मचारी सौहार्द और भाइचारे के साथ परिसर में रह सकें। अभी तक महामना की वह परिकल्पना जीवित है। पिछले वर्ष इनके जीर्णोद्धार के लिए करीब 30 करोड़ रुपये भी खर्च किए गए। विडंबना यह है कि हरियाली के लिए ख्यात परिसर में जोधपुर कॉलोनी स्थित शिक्षक आवास ध्वस्तकर बहुमंजिला भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए कुलपति ने अनगिनत पेड़ कटवा दिए। वहीं प्रस्तावित बहुमंजिला भवनों के लिए 200 और वक्ष कटवाने का निर्देश भी दिया है।

यह कृत्य विवि परिपत्र के विरुद्ध है। इसमें व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार की आशंका है। कुलपति को कई बार इन तथ्यों से अवगत कराया गया, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। चिराग ने आरोप लगाया कि विवि परिसर में कई ऐसे स्थान हैं, जहां बिना पेड़ों की कटाई के भी बहुमंजिला इमारत का निर्माण कराया जा सकता है। शिक्षकों के कई वर्षो से खाली आवासों का आवंटन जानबूझकर नहीं किया जा रहा है। उन्होंने वृक्षों को न काटने के एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों की भी दलील दी।


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