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मीरजापुर में पढ़ाई संग स्कूल की नर्सरी में अब बच्चे उगाएंगे पौधे, योजना के लिए जन समुदाय की बढ़ाई जाएगी भागीदारी

परिषदीय स्कूलों के बच्चे अब पढ़ाई के साथ नर्सरी में पौधे भी उगाएंगे। पठन-पाठन के साथ ही उनको प्रकृति से जोड़ने की कवायद चल रही है और उनको पर्यावरण संरक्षण के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। परिषदीय विद्यालय में स्थान की उपलब्धता के आधार पर नर्सरी का निर्माण कराया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 05:25 PM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 05:25 PM (IST)
मीरजापुर में पढ़ाई संग स्कूल की नर्सरी में अब बच्चे उगाएंगे पौधे, योजना के लिए जन समुदाय की बढ़ाई जाएगी भागीदारी
परिषदीय स्कूलों के बच्चे अब पढ़ाई के साथ नर्सरी में पौधे भी उगाएंगे।

मीरजापुर, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों के बच्चे अब पढ़ाई के साथ नर्सरी में पौधे भी उगाएंगे। पठन-पाठन के साथ ही उनको प्रकृति से जोड़ने की कवायद चल रही है और उनको पर्यावरण संरक्षण के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। इसके तहत प्रदेश के प्रत्येक परिषदीय विद्यालय में स्थान की उपलब्धता के आधार पर नर्सरी का निर्माण कराया जाएगा। योजना को सफल बनाने के लिए जन समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए पौधारोपण कराया जाएगा।

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परिषदीय स्कूलों में नर्सरी के माध्यम से बच्चों को पौधे लगवाकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित किया जाएगा। इन स्कूलों की नर्सरी में पौधारोपण के लिए फलदार, छायादार पौधों की व्यवस्था जिला उद्यान अधिकारी अथवा जिला वन अधिकारी के माध्यम से की जाएगी। नर्सरी निर्माण और पौधारोपण के बाद पौधों की सुरक्षा के दृष्टिगत बायो फेंसिंग, कटीले तारों अथवा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्री से किया जाएगा। इसके बाबत महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी जिलाधिकारी को दिशा निर्देश जारी किया है।

नगर के लालडिग्गी स्थित कंपोजिट स्कूल रानी कर्णावती लालडिग्गी में मधुरिमा तिवारी, प्राथमिक विद्यालय चुनार में सुधीर सिंह, प्राथमिक विद्यालय भगेसर के रविकांत द्विवेदी अादि शिक्षक विद्यालय परिसर को पौधारोपण के माध्यम से हरा-भरा बनाकर बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। पौधशाला वह स्थान है जहां पौधे उगाए जाते हैं और अन्यत्र लगाए जाने योग्य आकार प्राप्त करने तक उनकी विशेष देखरेख की जाती है। पौधशालाएं कई प्रकार की हो सकती हैं, जिनमें से कुछ पौधशालाओं से सामान्य जनता पौधे खरीद सकती है। जनपद में 1200 प्राथमिक, 208 उच्च प्राथमिक तथा 398 कंपोजिट सहित कुल 1806 विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसमें दो लाख 75 हजार बच्चे पंजीकृत हैं।

परिषदीय विद्यालयों में स्थान की उपलब्धता के आधार पर नर्सरी का निर्माण कराया जाएगा

परिषदीय विद्यालयों में स्थान की उपलब्धता के आधार पर नर्सरी का निर्माण कराया जाएगा। योजना के तहत बच्चों को शिक्षा के साथ ही पर्यावरण के प्रति जागरूक करना उद्देश्य है। इसके लिए विद्यालयों को चिन्हित किया जा रहा है।

- गौतम प्रसाद, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।


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