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वाराणसी में स्मार्ट सिटी कमांड सेंटर से ट्रैफिक कंट्रोल करेंगे बच्चे, एक घंटे के लिए लेंगे प्रशिक्षण

शहर की स्मार्ट हो चुकी ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने का हुनर बच्चे सीखेंगे। 17 सितंबर को दो घंटे का शैक्षणिक कार्यक्रम बनाया गया है। स्मार्ट सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर आयोजन स्थल होगा। स्मार्ट सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर आयोजन स्थल होगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 07:50 AM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 07:50 AM (IST)
शहर की स्मार्ट हो चुकी ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने का हुनर बच्चे सीखेंगे।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर वाराणसी स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से अनोखा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। शहर की स्मार्ट हो चुकी ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने का हुनर बच्चे सीखेंगे। 17 सितंबर को दो घंटे का शैक्षणिक कार्यक्रम बनाया गया है। स्मार्ट सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर आयोजन स्थल होगा।

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नगर आयुक्त व स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ प्रणय सिंह की मौजूदगी में मुख्य महाप्रबंधक डा. डी वासुदेवन बच्चों को तकनीकी जानकारी देंगे जिसके बाद नन्हें हाथों में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था का संचालन दिया जाएगा। भगवानपुर स्थित सनबीम स्कूल के बच्चे आमंत्रित किए गए हैं। दोपहर दो बजे से शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होगा। बच्चे तकनीकी जानकारी लेने के बाद कमांड सेंटर से ही ट्रैफिक को कंट्रोल करेंगे। सेंटर से ही चौराहों पर खड़े ट्रैफिक पुलिस को संदेश प्रसारित किया जाएगा तो वहीं से ही ट्रैफिक सिग्नल भी कंट्रोल होगा। यह कार्यक्रम एक घंटे तक चलेगा। इसके बाद दोपहर तीन बजे बच्चे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर रुद्राक्ष पहुंचेंगे। अंदर भ्रमण करने के बाद 15 मिनट की डाक्यूमेंट्री (वृत्त चित्र) दिखाई जाएगी। शाम चार तक तक कार्यक्रम का समापन होगा। नगर आयुक्त प्रणय सिंह के अनुसार यह कार्यक्रम बच्चों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। इससे बच्चे यह भी जान सकेंगे कि स्मार्ट काशी में किस प्रकार से स्मार्ट तकनीक के तहत कार्य किया जा रहा है।

नौनिहालों के हाथ में किताबें, बैग का इंतजार

स्कूल-कालेजों का नया शैक्षणिक सत्र पहली अप्रैल से शुरू है। हालांकि भौतिक रूप विद्यालयों में पढ़ाई 16 अगस्त से चल रही है। बहरहाल आधा सत्र बीत जाने के बाद परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को पाठ्यपुस्तकें अब मिली है। वहीं जनपद में 1143 परिषदीय विद्यालयों में एक से आठ तक के कक्षाओं में पंजीकृत 1.98 लाख बच्चों को जूता-मोजा, ड्रेस व बैग का अब भी इंतजार है। बेसिक शिक्षा विभाग ने जनपद में शतप्रतिशत किताबों का वितरण होने का दावा किया है। जबकि सभी विद्यालयों में अब भी तमाम किताबें टेबल पर पड़ी हुई दिखाई दे रही है। शिक्षकों का कहना है कि जो बच्चे विद्यालय आ रहे हैं। उन्हें किताबें उपलब्ध करा दी गई है। विद्यालयों ने करीब 80 फीसद बच्चों को किताबों के उपलब्ध कराने का दावा किया है।


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